Shab E Barat Ki Namaz In Hindi :- आज के इस आर्टिकल में हम Shab E Barat Ki Namaz In Hindi के बारे में जानेंगे , अगर आप भी इस के बारे जानना चाहते है, तो इस लेख के साथ बने रहिये।
शब ए बारात बड़ी बरकतो फ़ज़ीलतो की रात हैं। इस रात में अल्लाह रहमतो की बारिश अपने उन बंदों पर करती हैं, जो शब ए बारात को इबादत में हैं।
15 शाबान की रात में अल्लाह हर इंसान के आने वाले अगले एक साल तक उनके जीवन में जो भी होना हैं वो इस दिन लिख रहे हैं तो हमें चाहिए की शब ए बारात ज्यादा से ज्यादा नमाज और इबादत करें और शाबान में रोजे रखें।
100 रकत की फजीलत शब ए बारात की रात की नमाज – Shab E Barat Ki Namaz In Hindi
रहमते आलम नबी-ए- अकरम ने इरशाद फ्रमाया कि जो शख्स शब ए बारात में एक सौ (100) रकआत नमाज़ नफिल पढ़ेगा अल्ला तआला उसके पास एक सौ फरिश्तों को भेजेगा।
तीस फरिश्ते उसको जन्नत की बिशारत (खुशखबरी) देंगे और तीस फरिश्ते उसे जहानम से बेख़ौफ होने की खुशखबरी देंगे और तीस फ्रिशते दुनिया के आफतों से उसे बचाते रहेंगे और दस फरिश्ते इस को शैतान के फरेब से बचाते रहेंगे।
शब ए बारात की मगरीब के बाद की 6 रकत 2-2 नमाज का तरिका
शब् ए बारात बारात यानी 15 शाबान की मगरिब की फ़र्ज़ नमाज़ के बाद 6 रकात नफ़िल नमाज़ दो-दो कर की नमाज़ की जाती हैं जिसकी नमाज़ का तरीका और नमाज़ की नियत निचे दी गई है,
शब ए बारात की 6 रकात नमाज़ों को या अपने घर में पढ़ सकते हैं बेहतर ये हैं की मगरीब की नमाज़ के फौरन के बाद पढ़िए। इसे मगरिब के सात रकात फ़र्ज़, सलत नफिल नमाज़ो के बाद पेश किया जाना चाहिए।
दो सबसे पहले रकत की सत्य :
मैं बिल्कुल करता हूं, शब ए बारात की दो रकत नफिल नमाज़ दर्ज़ा ए उम्र बिल फाइनल के लिए वास्ते अल्लाह ताला के, संह मेरा काबा सरफराज की तरफ, इसके बाद आप अल्लाह हु अकबर कहते हुए अपने हाँथ बांध ले।
दूसरा दो रकत की बात :
मैं ठीक करता हूं हु शब ए बारात की दो रकत नफिल नमाज़ बालाओ से मेरी हिफाज़त के वास्त्ते अल्ह ताला के, मुँह मेरा काबा सरफराज की तरफ, अल्लाह हु अकबर कहते हुए हिंद बांध ले।
तीसरा दो रकत का अधिकार :
मैं निश्चित करता हूं हु शब ए बारात की दो रकत नफिल नमाज़ अपने सिवाए किसी और का मोहताज़ ना बनाते वस्ते अल्लाह ताला के, संह मेरा काबा सरफराज की तरफ, अल्लाह हु अकबर कहते हुए हिंद बांध ले।
जरुरी : नमाज़ का तरीका
हर रकात में सूरे फातिहा के बाद 3-3 बार सूरे इखलास (कुलअल्लाह हु अहद) पढ़ें, अगर ये आयत ना याद हो तो कोई भी सूरा पढ़ ले।
हर दो रकत पढ़ने के बाद सूरे यासीन शरीफ पढ़े अगर पढ़ना ना आए तो किसी से पढ़वाकर सुन ले। या मोबाइल से सुन ले। अगर ये भी ना हो तो सूरे इखलास (कुलअल्लाह हु अहद) 21 बार पढ़ने ले। हर 2 रकत के बाद यासीन शरीफ के बाद शाबान की दुआ, दुआ एक निस्फ़ पढ़ले, या सुन ले।
शब ए बारात मैं नफिल नमाज और दुआ
उल्माए किराम ने शब ए बारात मुबारक रात में नफिल नमाज की फजीलत के लाद से नफिल नमाज पढ़ी के कई तरह से लिखा है।
1:- बाद में नमाज़ ईशा हर रकात नफिल पढ़ी हर रकात में अल्हम्दो सरफराज के बाद दस बार कुलहुवल्लाह शरीफ पढ़े और नमाज के बाद दस बार कलमा तोहीद, कमसे कम दस बार कलमा तमजीद और उसके बाद एक सौ बार दुरूद शरीफ पढ़ें।
2:- इस मुबारक 15 शाबान की रात में दो रकात नफिल इस तरह पढ़े कि अलहमद सरफराज की सरहद के बाद पहली रकत में कुल या अय्योहल काफ़िरुन और दूसरी रकत में कुल हुवल्लाह सरफराज तैयार।
नमाज़ मग़रिब के बाद ही ज़िक्र व इबादत में लग जाएँ ताकि शब ए बारात आमाल नामा अच्छे काम से शुरू हो दुरूदे पाक बहुत ज़्यादा तादाद में पढ़े कि होने की बात कबूल है दुआ के अंतिम और अंतिम में दरुद पढ़ें अल्लाह पाक दुरुद सरफ को रद्द नहीं करें फरमाता और करीम के करम से यह बात दूर है, कि अवल फाइनल को कुबूल फरमाएं और दरमान की दुआ रद्द कर दे औलियाए किराम पाक को दुआ की कुबूलियत की सनदमोनी हैं। दुरुद पाक फजील बहुत ज्यादा है।
3:- नमाज़ मग़रिब के बाद सिक्स रकात नमाज़ नफ़िल पढ़े हर दो रकात पर सलाम फेरें, और हर दो रकात के बाद सूरे यासीन एक बार या कुलअल्लाहु अहद (सूरे इखलास) (पूरी सूरत) 2 बार पढ़ें पहली बार यासीन शरीफ शरीफ उम्र के लिए पढ़ें कि अल्ला तआला उम्र में बरकत दे दूसरी बार रिज्क की जिम्मेवारी के लिए अल्ह पाक रिज्क में बरकत व कुशादगी अता फरमाए तीसरी बार बला व वबा के दूर होने के लिए पढ़ें कि अल्ला हर वबा व बला को दफा फरमाए फिर निस्फ शाबान की दुआ।
4:- और शबे बरात के दिन 14 शाबानुल मुअज्जम को दि गुरुब होने से पहले गुलाना बला व सहर जादू और वबा से प्रत्यक्ष का मुजिब है
और अच्छा यह है कि बेरी के सात पत्ते पीसकर या छत कर पानी में मिलाए फिर उस पानी से गुस्ल करें इमाम अहते सुनत मुजदिदे दीनो मिल्लत आला हज़रत कुददसूरखहुल अजीज सैय्यदी मुरशिदी सरकार मुफ़्ती आजम हिन्द अलयहिरहमत वरिदवान का इस पर प्रभाव था
हज़रत मुफ़्ती काज़ी अनु बस्तवी रहमतुल्लाह अलयहे ने मजमूआ ए अमल रजा मैं उल्लेख फरमाया है। और बेहतर यह है कि शाबानुल मुअज़्ज़म की 14 तारीख़ को अपने मुसलमान भाईयो के हुकूक को माफ़ कर दें और उन्हें अपना हुकूक माफ़ कर लें ताकि ज़िम्म से छक्क् इबाद साकित हो जाएं और मुस्लिम भाईयो को मुल्लगन भाई माज़रत की जरूरत है, तो कुबूल करें और दिल से माफ कर दें। हदीस सरफ में है जिसके पास उन मुस्लिम भाई माजरत जाने वाजिब है कि कुबूल कर ले नहीं तो हौज़े कौसर पर नहीं आएगा।
शब ए बारात में फातिहा का तारिका हिंदी में
शब ए बारात फातिहा का एहतमाम किया जाता है इस मुबारक रात अपने मुर्दो व रिशतेदारों और बुजुरगो की रूहो को सवाब पहुंचे और फातिहा के लिए बड़ी खास रात है।
और 15 शाबान सवाब फैलाना प्यारे नबी की सलामत है। जैसा कि उदमुल मोमिनिन आइशा सिद्दीका रदीअल्ला अनहा की रिवायट गुजश्ता पन्नेने पर हमने लिखा है और हज़रत अब्दुला इब्ने अब्बास रदीअल्लाह अनहुमा से रिवाइयत है कि ईद और आशूरा और रजब के पहले जुमे के दिन और शाबान की पढ़ीन्हवी रात यानी शबे बरात और जुमे की रात में मुर्दों की रस्सी अपने घरों के दरवाज़े पर कर दें कि ऐ घर वाले हमारे ऊपर रहम करो और महरबानी करो आज की रात में हमारे लिए सु सदका करो क्यूंकि हम लोग ईसाई सवाब के हजत मांड हैं। हमारे नामा-ए-आमाल बंद किए गए और तेरा नामा-ए-आमाल अभी जारी हैं
बस अगर यह बने रहें कुछ खोजे तो हसरत और नाउम्मीदी के साथ वापस चले गए। ( ईतानुल अरवाह फतावा ख़ैरिया )
FAQ’S :
Q1. शबे बरात में कौन कौन सी नमाज पढ़ी जाती हैं ?
उत्तर :- इस मुबारक रात में गुस्ल, अच्छे कपड़े पहनना, इबादत के सुरमा लगाना, मिसवाक करना, इत्र लगाना, कब्रो की जियारत करना, फातिहा दिलाना, खैरात करना, मुर्दों की मगफिरत की दुआ करना, बीमार की अयादत करना, तहज्जुद की नमाज पढ़ना, नफिल नमाजें ज्यादा पढ़ना, दुरूद व सलाम पढ़ना।
Q2. शब ए बारात के लिए नमाज कैसे अदा करें ?
उत्तर :-शब ए बारात की एक और नवाफिल नमाज है कि 12 रकअत नमाज अदा करें। सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 10 मर्तबा पढ़े। 12 रकअत के आखिर में तीसरा कलमा 10 बार, चौथा कलमा 10 बार और द्रूद शरीफ 100 बार पढ़ें । सलात उल तस्बीह एक और शक्तिशाली प्रार्थना है।
Q3. शब ए बारात की रात को क्या पढ़ना चाहिए ?
उत्तर :- पहली रकअत में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद तीन मर्तबा सूरह इखलास और एक बार सूरह अल फलक पढ़े। सूरह फातिहा पढ़ने के बाद दूसरी रकअत में सूरह इखलास 3 मर्तबा और सूरह अन नस् एक बार पढ़े। अपनी रकात पूरी करने के बाद, शब ए बारात ( ऊपर दें ) के लिए दुआ के साथ सूरह ए यासीन पढ़ें, फिर दुआ करें।
Q4. शब ए बारात में कितनी रकात की नमाज अदा करनी है ?
उत्तर :- नफिल की 100 रकअत, 2 रकअत एक बार में पढ़ें - हर रकात में सूरह अल-फातिहा के बाद 10 बार सूरह अल-इखलास पढ़ें। इस सलाह को सलातुल खैर के नाम से जाना जाता है।
Conclusion :- तो दोस्तों , हम उम्मीद करते है, कि आपको आज का हमारा यह आर्टिकल Shab E Barat Ki Namaz In Hindi पसंद आया होगा। अगर पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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