Shab E Qadr Ki Dua In Hindi – शबे क़द्र की दुआ हिंदी में

Shab E Qadr Ki Dua In Hindi :- अस्सलामो अलैकुम भाइओ, किस्मत वाला है – वो शख्स जिसे शबे क़द्र की रात मिली और उसने इबादत में ये रात गुजारी दी।

इस्लामी हज़रात जैसा कि हम सब जानते हैं, कि शबे कदर की रात रहमतों वाली रात होती है। और इस रात में अल्लाह ताला 7 वे आसमान से पहले आसमान पर आजाता है और अपने बंदों के साल भर के गुनाहों ओर नेकियों का हिसाब किताब करता है और इस रात में सभी लोग अपनी मगफिरत कराते हैं।

शबे क़दर बेहद बरकतों ओर रहमतों वाली रात है यह रात लगभग 21, 23, 25, 27 या 29 वे रामज़ानों की रात में से कोई एक होती है ।

इस रात की फ़ज़ीलत बेहद एहम हैं, जिसके लिए हज़रत आइशा सिद्दीका रज़ियल्लाहू तआला अन्हु की रिवायत हैं, की मैने सरकारे दो आलम रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिवासल्लम से अर्ज़ फरमाया की :-

“ या रसूल अल्लाह अगर मुझे शबे क़द्र की रात का इल्म हो जाए तो मैं क्या पढूं ? ”

सरकार दो आलम रसूल अल्लाह फ़रमाते हैं, की आप “ इस तरह अल्लाह से दुआ करें ”

” ऐ अल्लाह  ! बेशक तू माफ फ़रमाने वाला है और माफी देना बेहद पसन्द करता है तू मुझे मेरे गुनाहों को माफ् फ़रमा दे। “

ओर इसी के साथ हज़रत आयेशा रज़ियल्लाहू ताला अनहुँ फरमाती है, कि अगर मुझे पता चल जाये, कि कोनसी रात लहलातुल कदर की रात है, तो मैं यह दुआ मांगू अल्लाह से

“आए अल्लाह मैं तुझसे आफ़ियत ओर मग़फ़िरत का सवाल करती हूँ ”

इस रात के लिए फरमाया जो भी आपसे नाराज हो उन्हें मनाओ ; जिनसे आप नाराज हो उनसे खुद ही बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाओ ” अपने बड़ो से मुआफी मांगो। और अल्लाह से अपने बुजुर्गी के लिए मग़फ़िरत की दुआ मांगो” लिहाजा इस रात में कसरत से दुआ कीजिये।


शबे क़द्र क्या होती है ? | Shab E Qadr Ki Dua In Hindi

रमज़ान के महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जो हज़ार महीने की रात से बेहतर है। जिसे शबे क़द्र कहा जाता है। शबे क़द्र का अर्थ होता हैः “ सर्वश्रेष्ट रात “, ऊंचे मकाम वाली रात ” लोगों के नसीब लिखी जानी वाली रात।

शबे क़द्र बहुत ही अज़ीज़ रात है, जिस के एक रात की इबादत हज़ार महीनों ( 83 वर्ष 4 महीने ) की इबादतों से बेहतर और अच्छी है।

इसीलिए इस रात की फज़ीलत क़ुरआन मजीद और रसूल मुहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ) की हदीसों से प्रमाणित है।

इमाम ज़हरी रहमतुल्लाहि अलैहि फरमाते हैं, कि ” कद्र ” का मायनी मर्तबा से है, क्योंकि ये रात बाकी रातों के मुकाबले में शर्फ व मर्तबे के लिहाज से बुलंद है इसलिए इसे लैलतुल कद्र कहा जाता है।

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु अन्हु से मर्वी है जो कि इस रात में अल्लाह ताला की तरफ से 1 साल की तकदीर व फैसले का कलमदान फरिश्तों को सौंपा जाता है, इस वजह से यह लैलतुल कद्र कहलाती है।

इस रात को कद्र के नाम से ताबीर करने की वजह यह भी बयान की जाती है। इस रात में अल्लाह ताला ने अपनी का़बिले कदर किताब का़बिले कदर उम्मत के लिए साहिबे कद्र रसूल की मार्फत नाजिल फरमाई, यही वजह है इन्ना अंजलन कि सूरह में लफ्ज़े कद्र तीन दफा आया है।

तफसीरे कबीर-28:32

लफ्ज़े कद्र के मानी में इस्तेमाल होता है. इस लिहाज से इस रात को कदर् वाली रात कहने की वजह यह है कि इस रात आसमान से फर्से जमीन पर इतनी कसरत के साथ फरिश्तों का नुजूल होता है कि जमीन तंग हो जाती है।

तफसीरे खाजिन -4:395

इमाम अबू बकर अल वराक़” कद्र “की वजह बयान करते हुए कहते हैं कि यह रात इबादत करने वाले को साहिबे कद्र बना देती है अगरचे वह पहले इस लायक़ नहीं था।_कुरतुबी


शबे क़द्र में पढ़ने वाली दुआ

दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ़वा फ़अफु अन्नी या ग़फूर 0

तर्जुमा/ अर्थ हिंदी में

अल्लाह सुब्हान तआला से दुआ है की शबे क़द्र के सदके में हम सबकी जायज दुआ क़ुबूल अता फरमाए (आमीन) या रब्बुल आलमीन

बयान

सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उम्मुल मोमिनीन हज़रत आएशा सिद्दीका रजियल्लाहो तआला अन्हा को शबे क़द्र में विर्द करने के लिये तालीम फरमाई। दुआ (१) पहले लिखी है जो की अभी आपने पढ़ी है।


लैलतुल क़द्र में पढ़ने वाली दुआ

दुआ

अल्लाहुम-म इन्न-क अफ़ूवुन करीमु तुहिब्बुल अफ़ व फ़अ्फ़ु अन्नी

तर्जुमा

ए अल्लाह तू बेशक तू मुआफ  फ़रमाने वाला, दर गुज़र फ़रमाने वाला है। और मुआफ करने को पसंद फ़रमाता है लिहाज़ा मुझे मुआफ़ फ़रमा दे

اَللّٰہُمَّ اِنَّکَ عَفُوّتُحِبُّ الْعَفْوَفَاعْفُ عَنِّیْ ۔

اے اللہ !تو بہت معاف فرمانے والا ہے ،معافی کو پسند فرماتا ہے لہذا مجھے معاف فرمادے۔

बयान

उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यि-दतुना आइशा रदियल्लाहु तआला अन्हु रिवायत फरमाती है की मैंने  अपने सरताज साहिबे मेराज सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमते बा बरकत में अर्ज़ की – या रसूलल्लाह  सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अगर मुझे शबे क़द्र का इल्म हो जाए तो क्या पढूं

सरकारे अबद क़रार शफ़िए रोज़े शुमार सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया ! इस तरह दुआ मांगो। दुआ और उसका तर्जुमा हमने पहले (२) लिखा है.

सलातुल तस्बीह नफ़्ल नमाज़

4 रकात नफ़्ल नमाज़ की नियत करें और नियत करने के बाद 15 बार पढें.

सुब्हानल्लाहे वल्हम्दुलिल्लाहे व लाइलाहा इल्लल्लाहो वल्लाहो अकबर

पढ़े अल्हम्दो और सूरत पढ़ने के बाद रुकू में जाने से पहले यही तस्बीह 10 बार पढ़े रुकू में

“सुब्हान रब्बियल अज़ीम”

उठने के बाद सजदे में जाने से पहले 10 बार सजदे में पढें

” सुब्हान रब्बियल आला”

फिर दूसरे सजदे में 10 बार यही तस्बीह पढ़े।

इस तरह हर रकात में 75 बार यह तस्बीह पढ़ी जाएगी और 4 रकात में 300 बार हो जाएगी।

अल्लाह पाक हम सभी को इस मुबारक रात की बरकतो से नवाज़े और अपनी इबादत की तौफीक बक्शे आमीन।

यह रात क्यूं अता हुई

इस रात के अता किए जाने की सबसे अहम वजह

नबी करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की इस उम्मत पर शफक़त और आपकी गमख्वारी है। बाब माज़ा फी लैलतुल कद्र- मौता इमाम मालिक रहमतुल्लाही में है।

जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम को पिछले लोगों की उमरों पर आगाह फरमाया गया तो आपने उनके मुकाबले में अपनी उम्मत के लोगों की उम्र को कम देखते हुए यह ख्याल फरमाया कि मेरी उम्मत के लोग इतनी कम उम्र में पिछली उम्मतों के बराबर अमल कैसे करेंगे?

जब अल्लाह ताला ने आपके मुकद्दस दिल को इस मामले में गमजदा व परेशान देखा तो आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम को लैलतुल कद्र अता फरमा दी जो हजार महीनों से अफजल है।

इसकी ताईद हज़रत इब्ने अब्बास आ रजियल्लाह अन्हो से मंक़ूल रिवायत से भी होती है कि आप सल्लल्लाहो सल्लम की बारगाहे अक़्दस  में बनी इसराइल के एक ऐसे शख्स का जिक्र किया गया जिसने 1000 माह तक अल्लाह ताला की राह में जिहाद किया तो

आप रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इस पर ताज्जुब फरमाया और अपनी उम्मत के लिए आरज़ू करते हुए जब यह दुआ की ए मेरे रब मेरी उम्मत के लोगों की उम्र कम होने की वजह से नेक आमाल भी कम होंगे तो इस पर अल्लाह ताला ने शबे कद्र इनायत फरमाई ।


Conclusion, निष्कर्ष

दोस्तों उम्मीद करते हैं, कि अपने इस आर्टिकल Shab E Qadr Ki Dua In Hindi को तस्सली बक्श आखिर तक पूरा पढ़ा होगा और इसी के साथ आपको शबे कदर की रात की दुआ ओर मसला मालूम हो चुका होगा।

आपके माज़ कोई doubt या सवाल आता हो तो आप हमारे comment box में मैसेज कर के पूछ सकते हैं, हमारी टीम आपके सवालों के जवाब ज़रूर देगी।


Read Also :-

Leave a Comment

Share via
Copy link
Powered by Social Snap