Surah Quraish In Hindi :- अस्लामलैकुम मेरे प्यारे भाइयों बहनों और दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं, सूरह क़ुरैश के बारे और जानने वाले हैं, कि सूरह क़ुरैश क्या है? सूरह क़ुरैश दुआ हिंदी में ?सूरह क़ुरैश दुआ का तर्जुमा इन हिंदी
तो अगर आप इस सभी जानकारी को जानना चाहते हैं, तो हमारे इस पोस्ट Surah Quraish In Hindi को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें।
सूरह क़ुरैश क्या है ? – What is Surah Quraish In Hindi
सूरह क़ुरैश कुरान मस्जिद की छोटी सूरह है, जो कुरान मस्जिद की 30वें पारा में मौजूद हैं, जो कि 106 वी सूरह है।
इस सूरह की अपनी ही एक अलग फ़ज़ीलत है।
सूरह क़ुरैश को liilafi quraish surah के भी नाम से जाना जाता है, क्यों इस सूरह का पहला ही लब्ज लिईलाफी कुरैश है।
क़ुरैश का हिंदी मलतब जमा करने वाला या तलाश करने वाला होता है।
सूरह क़ुरैश एक मक्की सूरह है, जिससे 4 आयते है, इस सूरह का नाम मक्का में चर्चित क़ुरैश जाती के नाम पर इस सूरह का नाम क़ुरैश पड़ गया।
Surah Quraish In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- लि इला फि कुरैशिन
- ईलाफिहीम रिहलतश शिताइ वस्सैफ
- फल याअ बुदू रब्-ब हाजल बैतिल
- अल लज्जी अत् अम हुम मिन जुइंव
- व आम न हुम मिन खौफ
Surah Quraish In English
Bismillah Hirrahman Nirrahim
- li ila fi qurashin
- elafihim rihaltash shitai wassaif
- Phal Yaa Budu Rab-B Hajal Baitil
- al lajji at am hum min juinv
- wa aam na hum min khauf
Surah Quraishi Tarjuma in Hindi
दोस्तों ऊपर आप ने इस सूरह को पढ़ लिया होगा नीचे हमने इसका तर्जुमा आप के साथ साझा किया है जिसे आप देख सकते हैं
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
तर्जुमा :-
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।
लि ईलाफि कुरैश
तर्जुमा:-
चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है।
इलाफिहिम रिहलतश शिताई वस सैफ
तर्जुमा:-
तो उनको मानूस कर देने की वजह से
फल यअ’बुदू रब्बा हाज़ल बैत
तर्जुमा:-
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए
अल्लज़ी अत अमहुम मिन जूअ व आमनहुम मिन खौफ
तर्जुमा:-
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया।
सूरह क़ुरैश का नाम क़ुरैश क्यों रखा गया इसकी कहानी
यह सूरह मक्की है, इस में 4 आयतें हैं।
इस में मक्का के कबीले ((कुरैश)) की चर्चा के कारण इस का यह नाम रखा गया है। [1]
1 इस सूरह के अर्थ को समझने के लिये यह जानना जरूरी है कि कुरैश जात नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पूर्वज कुसई पुत्र किलाब के युग में “हिजाज” में फैली हुई थी। उन्होंने सब को मक्का में एकत्र किया और अपनी सुनिती से एक राज्य की स्थापना की।
और हाजियों की सेवा की ऐसी व्यवस्था की कि पूरी अरब जातियों और क्षेत्रों में उन का अच्छा प्रभाव पड़ा। कुसई के बाद उन के चार पुत्र में राज्य पद विभाजित हो गये।
परन्तु उन में अब्द मनाफ का नाम अधिक प्रसिद्ध हुआ। और उन के चार पुत्रों में से नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के दादा अब्दुल मुत्तलिब के पिता हाशिम ने सब से पहले यह सोचा किः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भाग लिया जाये, जिस के कारण कुरैश का संबंध अनेक देशों और सभ्यताओं से हो गया।
मक्का अरब द्वीप का व्यापारिक केंद्र बन गया। और अबरहा की पराजय ने कुरैश की मान मर्यादा और अधिक कर दी। इसलिये सरह के चार वाक्यों में रैश से मात्र इतना ही कहा गया है कि
जब तुम इस घर (काबा) को मूर्तियों का नहीं अल्लाह का घर मानते हो कि वह अल्लाह ही है जिस ने इस घर के कारण शांती प्रदान की और तुम्हारे व्यापार को यह उन्नती दी, तथा तुम्हें भूखमरी से बचाया तो तुम्हें भी मात्र उसी की पूजा उपासना करनी चाहिये।
इस की आयत 1 से 3 तक में मक्का के वासी कुरैश के अपनी व्यापारिक यात्रा से प्रेम रखने के कारण जो यात्रा वह निर्भय और शान्त रह कर किया करते थे क्योंकि काबा के निवासी थे उन से कहा जा रहा है कि वह केवल इस घर के स्वामी अल्लाह ही की वंदना (उपासना) करें।
आयत 4 में इस का कारण बताया गया है कि यह जीविका और शान्ति जो तुम्हें प्राप्त है वह अल्लाह ही का प्रदान है। इस लिये तुम्हें उस का आभारी होना चाहिये और मात्र उसी की इबादत (वंदना) करनी चाहिये।
निष्कर्ष – conclusion
तो दोस्तों आज आप ने सूरह क़ुरैश के बारे में जाना कि सूरह क़ुरैश क्या है ? इसका मलतब क्या होता है ? और इसका नाम क़ुरैश क्यों रखा गया ?
तो आपको ये आर्टिकल Surah Quraish In Hindi कैसी लगी अपनी राह कमेंट बॉक्स में जरूर दें अगर आप के मन मे इस आर्टिकल से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर पूछे ।
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