घर में ईद की नमाज़ का खुतबा कैसे पढें ? – Ghar me eid ki namaz ka khutba kaise padhe

Ghar me eid ki namaz ka khutba kaise padhe :- नज़राने दीन अस्सलामुळेकुम आज के इस Article में हम बात करेंगे ईद की नमाज़ का खुतबा घर में कैसे पढ़ सकते है।

जैसा की आप सभी जानते हैं की हम दिन कि पांच फर्ज नमाज़े आराम से अपने घरों में अदा कर सकते हैं पर मुश्किल यहां पर आती है जब लोग जुम्मे की नमाज़ या ईद की नमाज़ अपने घर में पढ़ना चाहते है वह किसी वजह से मस्जिद तक नही जा सकते तो जुम्मे या ईद की नमाज़ घर में कैसे अदा करें क्योंकि इसमें कई आदाब ओर तरीका पांच फर्ज़ नमाज़ो से अलग होता है जैसे खुत्बा पढ़ना लोगो का इक्कटा होना बेहद जरूरी बताया जाता है।


ईद की नमाज़ के बाद का खुतबा क्या है और इसे कैसे पढ़े ? | Ghar me eid ki namaz ka khutba kaise padhe

आपको पहले हम खुतबे की फ़ज़ीलत के बारे में तफसील में बता देते हैं खुतबा पढ़ना ईद की नमाज़ में सुन्नत हैं और हदीस पाक में फरमाया जो सुन्नत से आराज़ करे यानी सुन्नत को पूरा न करे वो हम में से नही है।

इसीलिए ईद की नमाज़ में खुतबा पढ़ना बेहद ज़रूर होता है। पर हमे यह मालूम नही होता कि खुतबा कैसे पढ़े क्योंकि हम में से ज़्यादा तर लोगों को खुतबा याद नही होता।

तो दोस्तों हम आपको बताते हैं कि ईद की नमाज़ का खुतबा अगर याद न हो और हम अपने घर में ईद की नमाज़ अदा करना चाहते हैं तो हम खुतबे में क्या पढ़ें। दोस्तों बताया जाता है कि अगर खुतबा याद नही तो आप इसे किताब से देख कर पढ़ लें जो की यह है:

खुतबा इदुल्फ़ित्र

पहला खुत्बा

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल लाहू वल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, वलिल्ला हिल हम्द

अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, वस्सलातु वस्सलामु अला सय्यिदिना मुहम्मदिन ख़ातमिन नबिय्यीन व अला आलिही व अस हाबिही अजमईन, अम्मा बअ’द फ़क़द क़ालल लाहु तआला, क़द अफ्लहा मन तज़क्का, व ज़करस्मा रब्बिही फ़सल्ला बल तुअ’सिरूनल हयातद दुनिया, वल आखिरतु खैरुव व अब्क़ा इन्ना हाज़ा लफ़िस सुहुफ़िल ऊला सुहुफि इबराहीमा व मूसा वक़ाला रसूलुल्लाहि सल्ललल्लाहू अलैहि वसल्लम : इन्ना लिकुल्लि क़ौमिन ईदन, वहाज़ा ईदुना बारकल लाहू लना व लकुम फ़िल क़ुर आनिल अज़ीम, व नफ़अ’ना व इय्याकुम बिहदयि सय्यिदिल मुरसलीन

الله اكبر الله أكبر لا إله إلا الله والله أكبر الله أكبر ولله الحمد الله اكبر الله أكبر لا إله إلا الله والله اكبر الله أكبر ولله الحمد الحمد لله رب العلمين ، والصلاة و السلام على أشرف الأنبياء والمرسلين. أما بعد . قال النبی ﷺ ان لكل قوم عيدا و هذا عيدنا. أعوذ بالله من الشيطان الرجيم. بسم الله الرحمن الرحيم. قل هو الله أحد * الله

दूसरा खुत्बा

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल लाहू वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, वलिल्ला-हिल हम्द अलहम्दु लिल्ल्लाहि नहमदुहू, व नस्तईनुहू, व नस्तग्फिरुहू, व नुअ’मिनु बिही व नतवक्कलू अलैह, व न ऊजु बिल्लाहि मिन शुरूरि अन्फुसिना, वमिन सय्यिआति आमालिना वनश हदू अल ला इलाहा इल्लल लाहू वनश हदू अन्ना मुहम्मदर रसूललल्लाह व अला आलिही व अस हाबिही व बारका वसल्लम अम्मा बअ’द क़ाला रसूलुलल्लाहि सल्ललल्लाहू अलैहि वसल्लम : ज़कातुल फ़ितरि तुहरतुन लिस साइम मिनल लग्वी वर रफसि व तुअ’मतुल लिल मसाकीन अव कमा क़ाला अलैहिस सलातु वस सलाम वक़ाला तआला : इन्नल लाह यअ’मुरु बिल अदलि वल इह्सानि व ईताइ ज़िल क़ुर्बा व यन्हा अनिल फहशाइ वल मुनकरि वल बग्यि यइज़ुकुम ल अल्लकुम तज़क्करून व लज़िक रूल लाहि अकबर

الله اكبر الله أكبر لا إله إلا الله والله أكبر الله أكبر ولله الحمد الله أكبر الله أكبر لا إله إلا الله والله أكبر الله أكبر ولله الحمد الحمد لله رب العلمين. والعاقبة للمتقين. اللهم صل على محمد وعلى آل محمد كما صليت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم إنك حميد مجيد. اللهم بارك على محمد وعلى آل محمد كما باركت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم إنك حميد مجيد. و اخر دعوانا عن الحمد لله رب العلمين


अगर खुत्बा याद नहीं खुतबे की किताब भी नही, तो खुतबा कैसे पढ़ें ?

अगर खुतबा याद भी न हो ओर खुतबे की किताब भी न हो तो यह दुआएं पढ़ ले अल्लाह आपकी नमाज़ ओर खुतबा कबुल करेगा इंशाहल्लाह

पहले खुत्बे की दुआ

” 9 मर्तबा अल्लाहु अकबर कहना है उसके बाद अल्हम्दु शरीफ़ ( सूरह फातिहा) पाडले फिर दुरूद शरीफ़ पड़ ले ”

अल्हम्दु शरीफ़

अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन. अर रहमा निर रहीम. मालिकि यौमिद्दीन. इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन. इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम. सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम. गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन. आमीन

ٱلْحَمْدُ لِلَّٰهِ رَبِّ ٱلْعَالَمِينَ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ مَالِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ٱهْدِنَا ٱلصِّرَاطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ صِرَاطَ الَّذِينَ أَنعَمتَ عَلَيهِمْ غَيرِ المَغضُوبِ عَلَيهِمْ وَلاَ الضَّالِّينَ

दुरुद शरीफ

अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला आलि मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीमा इन्नक हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्म बारिक अला मुहम्मदिन व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारक्ता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहीमा  इन्नक हमीदुम मजीद।

Arabic

اَللّٰھُمَّ صَلِّ عَلٰی مُحَمَّدٍ وَّعَلٰٓی اٰلِ مُحَمَّدٍ کَمَا صَلَّیْتَ عَلٰٓی اِبْرَاھِیْمَ وَعَلٰٓی اٰلِ اِبْرَاھِیْمَ اِنَّکَ حَمِیْدٌ مَّجِیْدٌ اَللّٰھُمَّ بَارِکْ عَلٰی مُحَمَّدٍ وَّعَلٰٓی اٰلِ مُحَمَّدٍ کَمَا بَارَکْتَ عَلٰٓی اِبْرَاھِیْمَ وَعَلٰٓی اٰلِ اِبْرَاھِیْمَ اِنَّکَ حَمِیْدٌ مَّجِیْدٌ

दूसरे खुत्बे मैं

” 7 मर्तबा अल्लाहु अकबर पड़े और दुरुद शरीफ़ पड़े फिर सुरह इख्लास ( कुल हुवल लाहू) पड़ ले ”

सुरह इख्लास

कुल हुवल लाहू अहद अल्लाहुस समद लम यलिद वलम यूलद वलम यकूल लहू कुफुवन अहद।

Arabic

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ

قُلْ هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌۚ(۱)  اَللّٰهُ الصَّمَدُۚ(۲)  لَمْ یَلِدْ ﳔ وَ لَمْ یُوْلَدْۙ(۳)  وَ لَمْ یَكُنْ لَّهٗ كُفُوًا اَحَدٌ۠

इंशाहाल्लाह खुत्बा मुक्कमल हो जायेगा।

ईद की नमाज़ की नियत:

” मैं दो रकात नमाज़ वाजिब पड़ता हूँ ईदुल्फित्र / ईदुलजुहा में ज़ायद 6 तकबीरों वास्ते अल्लाह के  के मुंह मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाह हुएकबर ”

ओर हाथ नियत बांध लेंगे फिर आपको सना पढ़नी है। ( ईद की नमाज़ के तरीके के लिए यह भी पढें…)

दो ईद के नाम

1. मीठी ईद ( Eid al-fitar ) मीठी ईद हिंदुस्तान मैं लिया जाने वाला नाम है।

2. बकरा ईद ( ईद उल-अज़हा ) मीठी ईद के जैसे बकरा ईद भी जानी जाती है।


FAQ’S :

Q1 : हमारे घर में चार से कम सदस्य हैं। ईद की नमाज कैसे अदा करें ?

Ans : चार रकआत नफल नमाज चाश्त की अकेले-अकेले पढ़ें।

Q2 : ईद का खुतबा पढ़ना नहीं आता, क्या करें ?

Ans : ईद की नमाज का खुतबा पढ़ना मसनून है। याद न हो और खुबते की कोई किताब भी न हो तो, पहले खुतबे में सूरह फातिहा और अखलास पढ़ें और दूसरे में दुरूद शरीफ के साथ अरबी में कोई दुआ पढ़ लें।

Q3 :  ईद के दिन की क्या सुन्नतें हैं ?

Ans : गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू, तेल और सुरमा लगाना और खुजूर खाना सुन्नत है।

Q4 : सोने पर क्या हर साल जकात फर्ज है ?

Ans : सोना अगर निसाब के बराबर है तो, हर साल जकात अदा देनी है।

Q5 : क्या ईद-उल-फितर की नमाज घर पर अदा की जा सकती है ?

Ans : ईद की नमाज ईदगाह या जामा मस्जिद में ही अदा की जा सकती है। घर पर नहीं।

Q6 : क्या नमाज-ए-चाश्त घर पर जमात के साथ अदा कर सकते हैं ?

Ans : चाश्त की नमाज जमात के साथ अदा नहीं की जा सकती।

Q7 : ईद के दिन चालिसवा या महफिल-ए-मगफिरत कर सकते हैं ?

Ans : जी हां, कर सकते हैं।

Q8 : सदका फितर निकालना वाजिब है या मुस्तहब ?

Ans : सदका फितर निकालना वाजिब ( अनिवार्य ) है।

Q9 :  क्या एक मस्जिद में दो ईद की नमाज हो सकती है ?

Ans : ईद की नमाज का खुतबा एक इमाम, एक मिम्बर और एक मस्जिद में सिर्फ एक बार ही हो सकती है।

Conclusion, निष्कर्ष

दोस्तों उम्मीद करते हैं कि अपने इस आर्टिकल Ghar me eid ki namaz ka khutba kaise padhe को तस्सली बक्श आखिर तक पूरा पढ़ा होगा और इसी के साथ ईद की नमाज़ के खुतबे को आप घर में कैसे पढ़ सकते हैं यह मसला भी आपको पूरी तरहा पता चल चुका होगा।

अगर माज़ कोई doubt या सवाल आता हो तो आप हमारे comment box में मैसेज कर के पूछ सकते हैं हमारी टीम आपके सवालों के जवाब ज़रूर देगी।


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