किन चीजों से रोज़ा मकरूह होता है ? – Roza Kin Cheezon Se Makrooh Hota Hai

Roza Kin Cheezon Se Makrooh Hota Hai :- रमजान मुबारक का महीना आते ही हम सब इसके इस्तकबाल में लग जाते है, रमजान के महीने में हम बोहोत सी चीज का खयाल रखते हैं।

जैसे की हमे क्या करना चाहिए ? क्या इबादत करनी चाहिए ? क्या कोताही बरतनी चाहिए और उसी के साथ हमे ये भी मालूम होना चाहिए, की हमारा रोज़ा किन चीजों से मकरुह होता है ?

मकरूह होने का मतलब होता है, की वो चीज़े जो रोज़ा रख कर करना माना फरमाई गई है, और उन चीजों को करने से हमारा रोज़ा टूट सकता है और इसका बोहोत ज्यादा गुनहा भी मिलता है। आइए इस बारे में हम और अच्छे से जानते हैं।


रोज को मकरूह करने वाल चीजों में ये चीजें शामिल है – Roza Kin Cheezon Se Makrooh Hota Hai

1. रोजे की हालत में मंजन करना या फिर टूथपेस्ट करना

रोजे की हालत में मंजन करना मना है। उसी की हालत में टूथपेस्ट करना भी मना है, रोजे की हालत में यह सब चीजें करने से रोजा मकरूह हो जाता है, क्योंकि वह हमारे हलक में चला जाता है।

2. किसी भी चीज को चखना या थूक को अपने हलक में लेना

अगर हम किसी भी चीज को परखने के लिए उसको चबाते हैं, तो हमारा रोजा मकरु हो जाता है, किसी भी चीज को मुंह में लेने के बाद अगर उसका थूक हलक में चला जाए उस सूरत में भी हमारा रोजा मकरूह हो जाएगा।

लेकिन अगर किसी बीवी का शौहर बहुत गुस्से वाला है, तो वह औरत रोजे की हालत में खाना बनाते वक्त नमक वगैरह चक सकती है और उसका रोजा मकरूह नहीं माना जाएगा।

3. किसी की बुराई या गीबत करना

किसी की कीमत या बुराई करना बहुत ही बुरी बात होती है और रोजा रख कर ऐसा करना यह बहुत ही गलत माना गया है, गीबत का मतलब होता है, किसी के पीठ पीछे उसकी बुराई करना जिससे वह इंसान बुरा मान जाए और यह हरकत करने से हमारा रोजा मकरूह हो जाता है ।

4. रोजे की हालत में किसी को खून देना

किसी को खून देना यह बहुत अच्छी बात होती है, लेकिन रमजान में रोजा रखने के बाद किसी को भी खून देना आप के रोजे को मकरूह कर देता है।

5. रोजे की हालत में ऐसे काम करना जिससे आपको कमजोरी हो

रोजे की हालत में कोई भी ऐसा काम ना करें जिससे आपको कमजोरी महसूस हो क्योंकि उस कमजोरी की वजह से आपको रोजा तोड़ने की भी नौबत आ सकती है और इसकी वजह से आप का रोजा मकरूह हो जाएगा।

6. रोजे की हालत में खाना-पीना

रमजान में रोजा रखने के बाद बहुत सी बातों का ख्याल रखना होता है उसमें सबसे खास अमल है कि इंसान रोजा रखने के बाद सबसे पहले खाने पीने को छोड़े क्योंकि रोजे की हालत में खाना पीना बिल्कुल मना होता है।

अगर इंसान जरा सा भी कुछ खा ले तो उसका रोजा उसी वक्त टूट जाता है और यह इसी वजह से उसका रोजा मकरुह हो जाता है।

7. गाना बजाना

वैसे तो इस्लाम में गाना बजाना हराम माना गया है और खास तौर पर रमजान के महीने में गाना बजाना करना बहुत गुनाह की बात है और हमें गुनाहों से बचना चाहिए।

रमजान के महीने में कोई भी इंसान अगर गाना बजाना करता है तो इस वजह से उसका रोजा मकरुह हो जाएगा क्योंकि यह हमारे दीन में मना फ़रमाया गया है।

8. लड़ाई या गाली गलौज करना

इंसान को लड़ाई से और गालियों से हमेशा दूर रहना चाहिए रमजान में खास तौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इंसान जितना हो सके लड़ाई से दूर रहे।

रोजा रखने के बाद जितना हो सके इंसान को अपना वक्त इबादत में लगाना चाहिए और इन फालतू कामों से दूर रहना चाहिए। क्योंकि रोजा ज़ुबान का भी होता है, इसीलिए इंसान को अपने रोजे को महफूज रखना चाहिए और लड़ाई और गाली से दूर रहना चाहिए और अगर कोई आपसे लड़े तो आप उसको समझा दे, कि मैं रोजे से हूं।

9. गुनाह के काम करना

वैसे तो इंसान को हमेशा गुनाहों से बचना चाहिए, और जितना हो सके अच्छे काम करने चाहिए। रमजान के महीने में जितना हो सके उतना कलमा पढ़ना चाहिए और जितना हो सके तौबा करनी चाहिए।

हमें रमजान में ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत करनी चाहिए और गुनाहों से बचना चाहिए,  गुनाह करने से हमारा रोजा नहीं टूटता लेकिन हमारा रोजा मकरुह जरूर हो जाता है

10. सही वक्त पर सेहरी ना करना

रमजान शुरू होने के बाद हम सभी को सहरी और इफ्तार का इंतजार होता है। अल्लाह ने फरमाया है, कि अगर कोई इंसान रमजान में रोजा नहीं रख पाता तो भी उस इंसान को सेहरी और इफ्तार करना चाहिए यह भी एक सवाब है, सुभान अल्लाह

लेकिन अल्लाह ने यह भी फरमाया है, कि हर इंसान को सेहरी जरूर करनी चाहिए और वह भी सही वक्त पर करनी चाहिए, ज्यादा देर से सेहरी करने से रोजा मकरुह हो जाता है, क्योंकि ऐसी हालत में इंसान जब नहीं खाता और रोज़ा शुरू हो जाता है तो वह रोजा छोड़ देता है जो गलत है।


Conclusion ( नतीजा )

आज के हमारे इस टॉपिक ( Roza Kin Cheezon Se Makrooh Hota HaiRoza Kin Cheezon Se Makrooh Hota Hai ) से हमें यह नतीजा मिलता है, कि हमें रमजान के आने के बाद काफी चीजों का खयाल रखना चाहिए क्योंकि अल्लाह ने रोजा शरीफ इसलिए नहीं बनाया, कि हम खाना पीना छोड़ दें अल्लाह ने रमजान उल मुबारक हमें इसलिए आता किया है, कि हम ज्यादा से ज्यादा नेक काम कर सकें और अल्लाह के करीब हो सके और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांग सकें और ज्यादा से ज्यादा रमजान में इबादत करें और अल्लाह का जिक्र करें और तमाम बुरे काम छोड़ दे, अपने दिलो-दिमाग पर अल्लाह की इबादत को रखें, हर वक्त अल्लाह का जिक्र करें और रोजा रखते टाइम हर उस बात का ख्याल रखें, कि हमारा रोजा मकरूह ना हो जाए।

क्योंकि रोजा छोड़ने का जितना गुनाह हमें मिलता है, रोजा मकरूह होने पर भी हमें उतना ही गुनाह मिलता है, हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए, कि किसी भी हालत में हमारा रोजा मकरूह ना हो, और वह मुकम्मल हो जाए रोजा रखने के बाद इन सभी ऊपर दिए गए बातों का हमें ख्याल रखना चाहिए।

जैसे सही वक्त पर सेहरी करना, गाली गलौच ना करना,  लड़ाई ना करना,  किसी को बुरा भला कहना किसी की चुगली करना, किसी की गीबत करना, गाना बजाना करना, किसी के साथ नाइंसाफी करना, किसी भी चीज को हलक  में ले जाकर उसका थूक अंदर लेना, किसी भी चीज को चखना, अपनी बीवी से दिल्लगी करना और तमाम ऐसे ही काम हमें नहीं करनी चाहिए जिससे हमारा रोजा मकरुह  हो।

अल्लाह हम सबको नेक काम करने की तौफीक अता फरमाए।  बेशक अल्लाह बहुत रहम करने वाला है अल्लाह हमारे तमाम गुनाहों को माफ करें ।

आमीन सुम्मा आमीन


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