Surah mulk in Hindi – सूरह मुल्क क्या है ,इसका फ़ज़ीलत और तर्जुमा

Surah mulk in Hindi :- अस्लामलैकुम मेरे प्यारे मुसलमान भाइयों बहनों और दोस्तों आज हम आप को सूरह मुल्क के बारे में बताने वाले हैं ।

की सूरह मुल्क क्या है ? ( Surah mulk in Hindi ) इसके क्या फ़ज़ीलत है और इसका तर्जुमा क्या है ?

अगर आप पूरी जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमारे इस पोस्ट Surah mulk in Hindi को शुरू से अंत तक पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके ।


सूरज मुल्क क्या है ? – What is Surah mulk ?

सूरह मुल्क कुरान की 29वी पारा में मौजूद सूरह जो कुरान की 67वी सूरह है । सूरह मुल्क का हिंदी लब्ज में मतलब बादशाहत होता है, इस सूरह को पढ़ने का हुक्म हमारे नबी सल्लल्लाहो अलैह बसल्लम ने भी खुद दिया है ।

सूरह मुल्क में 337 शब्द, 30 आयते, 2 रुकू  है जो पारा नंबर 29 और सूरह नंबर 67 में मौजूद है ।


सूरह मुल्क हिंदी में – Surah Mulk In Hindi

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर।

2. अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर।

3. अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी; मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर।

4. सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर।

5. वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन; वआ तदना लहुम अजाबस सईर।

6. वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर।

7. इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर।

8. तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर।

9. कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुमइल्ला फी जलालिनं कबीर।

10. वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर।

11. फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।

12. इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर।

13. वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।

14. अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।

15. हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।

16. आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।

17. अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।

18. वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।

19. अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना; इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।

20. अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।

21. अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।

22. अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम।

23. कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून।

24. कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।

25. व या कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।

26. कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन।

27. फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन।

28. कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।

29. कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन।

30. कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।


सूरह मुल्क का तर्जुमा हिंदी में – Surah mulk  Tarjuma in Hindi

अभी ऊपर आप ने सूरह मुल्क को हिंदी लब्जो में पढ़ लिया है अब ये जानेंगे कि इस सूरह का तर्जुमा क्या है?  इस सूरह का तर्जुमा नीचे आप पढ़ सकते हैं

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है।

तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर (1)

जिस (ख़ुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँन की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है और वह हर चीज़ पर कादिर है

अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर। (2)

अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर। (3)

जिसने सात आसमान तले ऊपर बना डाले भला तुझे ख़ुदा की आफ़रिनश में कोई कसर नज़र आती है तो फिर ऑंख उठाकर देख भला तुझे कोई शिग़ाफ़ नज़र आता है

जिसने मौत और ज़िन्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हें आज़माए कि तुममें से काम में सबसे अच्छा कौन है और वह ग़ालिब (और) बड़ा बख्शने वाला है।

सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर (4)

फिर दुबारा ऑंख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ पलट आएगी

वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन वआ तदना लहुम अजाबस सईर। (5)

और हमने नीचे वाले (पहले) आसमान को (तारों के) चिराग़ों से ज़ीनत दी है और हमने उनको शैतानों के मारने का आला बनाया और हमने उनके लिए दहकती हुई आग का अज़ाब तैयार कर रखा है।

वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर। (6)

और जो लोग अपने परवरदिगार के मुनकिर हैं उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब है और वह (बहुत) बुरा ठिकाना है।

इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर। (7)

जब ये लोग इसमें डाले जाएँगे तो उसकी बड़ी चीख़ सुनेंगे और वह जोश मार रही होगी।

तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर। (8)

बल्कि गोया मारे जोश के फट पड़ेगी जब उसमें (उनका) कोई गिरोह डाला जाएगा तो उनसे दारोग़ए जहन्नुम पूछेगा क्या तुम्हारे पास कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं आया था।

कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुम इल्ला फी जलालिनं कबीर। (9)

वह कहेंगे हॉ हमारे पास डराने वाला तो ज़रूर आया था मगर हमने उसको झुठला दिया और कहा कि ख़ुदा ने तो कुछ नाज़िल ही नहीं किया तुम तो बड़ी (गहरी) गुमराही में (पड़े) हो।

वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर। (10)

और (ये भी) कहेंगे कि अगर (उनकी बात) सुनते या समझते तब तो (आज) दोज़ख़ियों में न होते।

फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।(11)

ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे तो दोज़ख़ियों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है

इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर। (12)

बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बेदेखे भाले डरते हैं उनके लिए मग़फेरत और बड़ा भारी अज्र है।

वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।(13)

और तुम अपनी बात छिपकर कहो या खुल्लम खुल्ला वह तो दिल के भेदों तक से ख़ूब वाक़िफ़ है।

अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।(14)*

भला जिसने पैदा किया वह तो बेख़बर और वह तो बड़ा बारीकबीन वाक़िफ़कार है।

हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।(15)

वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (व हमवार) कर दिया तो उसके अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुई) रोज़ी खाओ ।

आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।(16)

और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख़्श से जो आसमान में (हुकूमत करता है) इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धॅसा दे फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे ।

अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।(17)

या तुम इस बात से बेख़ौफ हो कि जो आसमान में (सल्तनत करता) है कि तुम पर पत्थर भरी ऑंधी चलाए तो तुम्हें अनक़रीेब ही मालूम हो जाएगा कि मेरा डराना कैसा है

वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।(18)

और जो लोग उनसे पहले थे उन्होने झुठलाया था तो (देखो) कि मेरी नाख़ुशी कैसी थी।

अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।(19)

क्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिड़ियों को उड़ते नहीं देखा जो परों को फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई रोके नहीं रह सकता बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है।

अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।(20)

भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे काफ़िर लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुई) रोज़ी रोक ले तो कौन ऐसा है जो तुम्हें रिज़क़ दे।

अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।(21)

मगर ये कुफ्फ़ार तो सरकशी और नफ़रत (के भँवर) में फँसे हुए हैं भला जो शख़्श औंधे मुँह के बाल चले वह ज्यादा हिदायत याफ्ता होगा।

अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम।(22)

या वह शख़्श जो सीधा बराबर राहे रास्त पर चल रहा हो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा तो वही है जिसने तुमको नित नया पैदा किया ।

कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून। 23)

और तुम्हारे वास्ते कान और ऑंख और दिल बनाए (मगर) तुम तो बहुत कम शुक्र अदा करते हो ।

 कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।(24)

कह दो कि वही तो है जिसने तुमको ज़मीन में फैला दिया और उसी के सामने जमा किए जाओगे ।

वया कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।(25)

और कुफ्फ़ार कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आख़िर) ये वायदा कब (पूरा) होगा।

कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन। 26)

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि (इसका) इल्म तो बस ख़ुदा ही को है और मैं तो सिर्फ साफ़ साफ़ (अज़ाब से) डराने वाला हूँ।

फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन। (27)

तो जब ये लोग उसे करीब से देख लेंगे (ख़ौफ के मारे) काफिरों के चेहरे बिगड़ जाएँगे और उनसे कहा जाएगा ये वही है जिसके तुम ख़वास्तग़ार थे।

कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।(28)

(ऐ रसूल) तुम कह दो भला देखो तो कि अगर ख़ुदा मुझको और मेरे साथियों को हलाक कर दे या हम पर रहम फरमाए तो काफ़िरों को दर्दनाक अज़ाब से कौन पनाह देगा।

कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन।(29)

तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) बड़ा रहम करने वाला है जिस पर हम ईमान लाए हैं और हमने तो उसी पर भरोसा कर लिया है तो अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि कौन सरीही गुमराही में (पड़ा) है।

कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।30)*

ऐ रसूल तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर तुम्हारा पानी ज़मीन के अन्दर चला जाए कौन ऐसा है जो तुम्हारे लिए पानी का चश्मा बहा लाए ।


सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत – Surah Mulk Fazilat

दोस्तों सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत की बात करें तो आर्टिकल के शुरू में ही इसके कुछ फ़ज़ीलत हमने आपको बताये है निचे आप को इसके कुछ और फ़ज़ीलत देखने को मिल जाएंगे ।

सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत:-

  • कब्र का आजाब से आप महफूज रहेंगे ।
  • आप के चेहरे पर नूर आएगा।
  • सूरह मुल्क को पढ़ने वाले को बेशक अल्लाहः बक्स देगा ।
  • सूरह मुल्क को पढ़ने से  आप कब्र की अजाब से बच सकते हैं एक हदीस में, आता है कि पैगंबर मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने हर रात सोने से पहले सूरह मुक पढ़ने की कोशिश की करते थे ।

निष्कर्ष – conclusion

तो दोस्तों अभी आप ने सूरह मुल्क क्या है , सूरह मुल्क के फ़ज़ीलत और सूरह मुल्क का तर्जुमा इन चीजों के बारे में विस्तार से जाना ।

आपको हमारा ये आर्टिकल Surah mulk in Hindi  कैसे लगी अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें ।

अगर आपके मन मे इस आर्टिकल Surah mulk in Hindi Se जुड़े कोई सवाल हो, तो जरूर पूछे इसकी तरह की जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो करना न भूलें ।

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