Surah Falaq In Hindi, PDF, Fazilat – सूरह फलक हिंदी में तर्जुमा के साथ

Surah Falaq In Hindi :- हम अपने सभी दिनी बहन भाइयों को इस आर्टिकल के ज़रिए Surah Falaq In Hindi के साथ साथ सूरह फलक हिंदी में तर्जुमा भी बताने वाले है।

सूरह फलक से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको लेख को पूरा ज़रूर पढ़ना होगा। तो चलिए लेख को पढ़ना शुरू करते है।

सबसे पहले आपको यह बता दें की सूरह फ़लक़ मक्की सूरह है। यह सूरह फलक कुरान मजीद के 30वें पारा में मौजूद 113 वी सूरह है। सूरह फलक चारो मशहूर कुल में से एक है।


सूरह फलक हिंदी में – Surah Falaq In Hindi

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. कुल अऊजु बिरब्बिल फलक

2. मिन शररि मा ख़लक़

3. वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब

4. वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द

5. वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद


सूरह फलक का तर्जुमा – Surah Falaq Tarjuma In Hindi

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है

  • कह दीजिये की मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ।
  • तमाम मख़लूक़ात के शर से।
  • और अँधेरी रातो के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये।
  • और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूंक मारती है।
  • और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे।

सूरह फलक इमेज हिंदी और अरबी में तर्जुमा के साथ

Surah Falaq In Hindi

Surah Qul Auzu Bi Rabbil Falak In Hindi Pdf Download

अब तक हमने आपको सूरह फलक को हिन्दी में तर्जुमा के साथ बताया है। जिसको पढ़ने में आपको आसानी हुई होगी।

इसके साथ ही हमने अपने दिनी बहन भाइयों को Surah Qul Auzu Bi Rabbil Falak In Hindi Pdf  उपलब्ध कराई है। ताकि आप इसको डाउनलोड कर सूरह काफिरून याद कर सकते है।


Surah Falaq In Hindi Tafseer

तो यह सूरत और सूरत अन्नास उस वक़्त नाजिल हुई जब कि लुबेद बिन अअसम यहूदी और उसकी बेटियों ने हुजूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर जादू किया और हुजूर के जिस्मे मुबारक और आज़ाए ज़ाहिरा पर इसका असर हुआ।

जब कल्ब ब अक्ल व एतेकाद पर कुछ असर न हुआ। तो चन्द रोज़ के बाद जिबरील तशरीफ़ लाए और उन्होंने अर्ज किया कि एक यहूदी ने आप पर जादू किया है और जादू का जो कुछ भी सामान है वह एक फला कुएँ में एक पत्थर के नीचे दबा दिया है।

उसके बाद हुजूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अली मुर्तजा रजियल्लाहु अन्हु को भेजा उन्होने कुएँ का पानी निकालने के बाद पत्थर उठाया उसके नीचे से खजूर के गाभे की थैली बरआमद हुई।

इसमें हुजूर के मूए शरीफ जो कंघी से बरआमद हुए थे।और हुजूर की कंघी के चन्द दन्दाने और एक डोरा या कमान का चिल्ला जिसमें ग्यारह गिरह लगी थी और एक मोम का पुतला जिसमें ग्यारह सुईया चुभी थीं यह सब सामान पत्थर के नीचे से बरामद हुआ जिसको आप की खिदमत में हाजिर किया गया।

फिर अल्लाह तआला ने यह दोनो सूरतें नाज़िल फ़रमाई। इन दोनों सूरतों में ग्यारह आयतें हैं पांच सूरह फलक में हर एक आयत के पढने के साथ एक एक गिरह खुलती जाती थी। यहाँ तक की सब गिरहें खुल गई और हुजूर बिल्कुल तन्दुरुस्त हो गए।

मसला ताबीज़ और अमल जिस में कोई कलिमए कुफ़्र या शिर्क का न हो जाइज़ है। खास कर वह अमल जो आयाते कुंरआनिया से किये जायें या अहादीस में वारिद हुए हो। हदीस शरीफ में है कि अस्मा बिन्ते अमीस ने अर्ज किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जअफर के बच्चों को जल्द जल्द नजर होती है। क्या मुझे इजाज़त है कि उनके लिए अमल करूँ? हुजूर ने इजाज़त दी ( तिर्मिज़ी)

(फा2)  तअव्वुज मे अल्लाह तआला का इस वस्फ़ के साथ जिक्र इसलिए है कि अल्लाह तआला सुबह पैदा करके शब की तारीकी दूर फ़रमाता है तो वह कादिर है कि पनाह चाहने वाले को जिन हालात से खाोफ है उनको दूर फरमाए। नीज़ जिस तरह शबे तार में आदमी तुलूअ सुबह का इन्तेजार करता है।

अब इस तरीके से ही खाइफ़ अम्न व राहत का मुन्तजिर रहता है इलावा बरी सुबह अहले इज़्तेरार व इज़्तेराब की दुआओं का और उनके कबूल हाने का वक़्त है। तो मुराद यह हुई कि जिस वक्त अरबाबे क़र्ब व गम को कशाइश दी जाती है और दुआयें कबूल की जाती हैं मैं उस वक़्त के पैदा करने वाले की पनाह चाहता हूँ।‘एक क़ौल यह भी है कि फ़लक़ जहन्नम में एक वादी है।

(फा 3) जानदार हो या बे जान, मुकल्लफ़ हो या गैर मुकल्लफ़, बाज़ मुफस्सिरीन ने फरमाया है कि मख्लूक़ से मुराद यहाँ खास इबलीस है जिससे बदतर मख्लूक़ में कोई नहीं, और जादू के अमल उसकी और उसके अअवाने लश्करो की मदद से पूरे होते हैं1

(फा 4) हजरत उम्मुल मोमिनीन आइशा रजियल्लाहु अन्हा से मरवी है कि रसूल करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने चांद की तरफ़ नज़र करके उनसे फ़रमाया। ऐ आइशा अल्लाह की पनाह लो उसके शर से यह अंधेरी डालने वाला है। जब डूबे (तिर्मिंजी) यानि आखिर माह में जब चाँद छुप जाये तो जादू के वह अमल जो बीमार करने के लिए हैं। उसी वक्त में किए जा सकते है।

(फा5)  यानि जादूगर औरतें जो डोरों में गिरह लगा लगा कर उनमें जादू के मन्त्र पढ़ पढ़ कर फूंकती हैं।

(फ़ा 6) हसद वाला वह है जो दूसरे के ज़वाले निअमत की तमन्ना करे। यहाँ हासिद से यहूद मुराद हैं जो नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से हसद करते थे। या खास लबीद बिन अअसम यहूदी हसद बद-तरीन सिफ़त है हसद सबसे पहला गुनाह है जोकि की आसमान में इब्लीस से और ज़मीन में काबील से शुरू हुआ था।


सूरह फलक की हदीस हिंदी में – Some Hadith On Surah Falaq
  • अबू अब्दुल्ला से रिबायत है कि इब्न ‘अबीस अल-जुहानी ने उनसे इरशाद फ़रमाया कि: अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) ने उनसे कहा: “हे इब्न ‘अबीस, क्या मैं आपको उस बेहतरीन चीज़ के बारे में नहीं बताऊँ जिसको करने से अल्लाह की पनाह मांग सकते हो?”

उन्होंने कहा: “हाँ, अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम)।” (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) ने कहा: “कहो: मैं (अल्लाह) दिन के मालिक से पनाह चाहता हूं।” (अल-फलक), “कहो: मैं इंसानों के रब (अल्लाह) से पनाह मांगता हूं।” (अल-नास) – ये दोनों सूरह।”

  •  आयशा रजिअल्लाहो से रिवायत है: जब भी अल्लाह के रसूल(ﷺ) बिस्तर पर जाते थे, तो वह सूरत-अल-इखलास, सूरत-अल-फलक और सूरत-ए-नास की तिलावत करते थे।

और फिर अपनी हथेलियों पर फूंक मारते थे और उन्हें अपने चेहरे और उन हिस्सों पर फेरते थे ,जहाँ तक हाथ पहुंच सकें और जब वे बीमार पढ़ते, तो मुझे उनके लिए वैसा ही करने का हुकुम देते थे। (Sahih al-Bukhari 5748)

  • उकवा इब्ने आमिर ने बयान किया कि अल्लाह के रसूल(ﷺ) इरशाद फ़रमाया कि: क्या तुम नहीं जानते, कल रात कुछ ऐसी आयतें नाजिल हुई जिन की कोई नजीर (तरजीह) नहीं है यानी उनके समान कोई और आयत नही है, वो ये है: “कहो: मैं अल्लाह की पनाह मांगता हूं जो दिन का मालिक है।”(अल-फलक) और “कहो: मैं इंसानों के रब (अल्लाह) से पनाह मांगता हूं।” (अल-नास 114)
  •  पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिबायत है कि जो कोई भी रमजान के महीने में अपनी किसी भी नमाज़ में इस सूरह कुल अऊजू बि रब्बिल फ़लक़ की तिलावत करता है, वह ऐसा है जैसे उसने मक्का में रोज़ा रखा हो और उसको हज और उमरा करने के बराबर सबाब मिलेगा।

Surah Falaq Ki Fazilat Aur Wazifa

हमारे रब ने हमे कुरआन को एक निहायत कीमती तोहफे के रूप में दिया है। जिसमे लिखी एक एक सूरह और एक एक आयात हमें कुछ न कुछ सिखाती है।

ताकि हम सभी दुनिया में आने का मकसद पूरा कर सकें। इसके लिए हम सभी को चाहिए की हम एक एक सूरत का तर्जुमा फ़ज़ीलत सब कुछ जानते। तो नीचे हमने आपको सूरह फलक की फ़ज़ीलत के बारे में बताया है। जोकि कुछ इस तरह है:-

  • हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद की जो शख्स रोज़ाना पाबन्दी की साथ सूरह फलक को नमाज़ में पढता है। उसको मक्का में रोज़ा रखने के बराबर सवाब मिलता है।
  • नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बीमारी की हालत में कसरत से सूरह अलफलक और सूरह नास की तिलावत किया करते थे।
  • आप जब बिस्तर पर सोने के लिए जाते तो सूरह अल फलक और सूरह नास की तिलावत करके दोनों हाथों की हथेली पर दम करके पूरे जिस्म पर फेरते थे।

सूरह फलक के फायदे ( Surah Falaq Padhne Ke Fayde )

अगर हम बात करें की Surah Falaq के क्या क्या फायदे है। तो उसकी जानकारी नीचे कुछ इस तरह दी गई है :-

  • इस सूरह को रोज़ पढ़ना हमारे नबी की सुन्नत है। तो हमें कोशिश करनी चाहिए की हम इसको रोज़ पढ़े।
  • यह सूरह हमारी बुरी नज़र से भी हिफाज़त करती है। और इसके साथ ही बुरी ताकतों और शैतानों से रात भर हिफाजत भी करती है।
  • अगर आप Surah Falaq को रोज़ पढ़ते है। तो आप जादू , हसदऔर  डिप्रेशन से बचे रहते है।
  • यदि आप सूरह फलक को रोज़ पाबन्दी से पढ़ते है तो आप की सेहत अच्छी रहेगी और बुखार भी जल्द से जल्द उतरेगा। 

Conclusion :-

हम उम्मीद करते है, की आप सभी को Surah Falaq In Hindi  के बारे में काफी समझ में आया होगा। अगर हमसे आर्टिकल को लिखने कोई गलती हो गयी हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है। 

ताकि हम अपनी उस गलती को सुधार कर आप तक एक सही पैगाम पंहुचा सकें।  अल्लाह ताला से दुआ कीजिए क़ुरान पाक को समझने और सीखने की और साथ ही ऐसी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें।


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