अकीका की दुआ – Aqiqah ki dua Ladka or Ladki ke Liye

Aqiqah ki dua Ladka or Ladki ke Liye :- यह तो हमारे सभी मुस्लमान भाई और बहन जानते होंगे की बच्चे के पैदा होने के सातवें दिन अकीका करना सुन्नत है।

अब जब अक़ीक़ा करना सुन्नत है तो हमें कोशिश करनी चाहिए की हम करें। हम अपनी इस सुन्नत को बेहतरीन तरीके से पूरा करें इसके लिए हमको चाहिए की हम Aqiqah से जुड़ी सभी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें।

अक़ीक़ाह करने के लिए कुछ ही चीज़े है, जो हमको ध्यान रखनी चाहिए। जिसमे सबसे ज़रूरी दुआएं है। जोकि Aqiqah ki Dua Ladka or Ladki ke Liye  अलग अलग होती है। तो चलिए इस सुन्नत से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करना शुरू करते है।


अकीका की दुआ – Aqiqah ki dua Ladka or Ladki ke Liye

अक़ीक़ा की दुआ लड़का और लड़की के लिए जानने से पहले अक़ीक़ाह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु के बारे में जानते है। तो Aqiqah एक तरह का सदका ही है।

जो हम किसी बच्चे की पैदाईश पर जानवरो का देते है। इसके साथ ही जफ़र अल-सादिक (र।अ।) की एक हदीस है, कि अकीका करने से बच्चे की जिन्दगी से काफी मुश्किलात दूर हो जाती हैं।

अल-कुलाय्नी , मोहम्मद इब्न याकूब (2015), लिखते हैं कि अबू तालिब (RA) ने हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम का अकीका मोहम्मद(स।अ।ब।) की पैदाइश के बाद 7वें दिन पर परिवार के लोगों को खाने पर बुलाया।

जब परिवार कर पर आया तो उन्होंने पूछा की “ये क्या है ? ” तो अबू तालिब (RA) ने जवाब दिया “अहमद का अकीका है ”।


अकीका करने के कुछ नियम ( Aqiqah Rules )

  • यदि किसी भी शख्स को पैसे की परेशानी है। जिस वजह से वह अक़ीक़ाह नहीं कर पा रहा है। तो वह Aqeeqah करने की नियत कर बाद में भी अक़ीक़ाह कर सकता है। नियत करने के बाद अक़ीक़ाह करना ज़रूरी है।
  • कोई भी अगर किसी भी वजह 7वे दिन अक़ीक़ाह नहीं कर सकें। तो वह 14वें या 21वें दिन में अकीका कर सकते है। 
  • जिस जानवर का आप अक़ीक़ाह कर रहें है। वह जानबर कम से कम 13 से 15 महीने का होना चाहिए।
  • जैसे की हमने आपको बताया की अकीका करना मुश्ताहब और सुन्नत है। अगर किसी शख्स का हिसाब नहीं है। अक़ीक़ाह करने का तो वह न करें। इसके न करने से आपको आपको गुनाह नही मिलेगा।

अक़ीक़ा करने का तरीक़ा और दुआ – Aqiqah Karne Ka Tarika In Hindi

हमारे रब ने इस दुनिया में इंसान को पैदा करने के साथ ही एक से बढ़कर एक नेमते  अता कीं हैं। जैसे माल, औलाद, वगैरा लेकिन इन तमाम नेमतों में औलाद की नेअमत बहुत बड़ी है।

तो अगर अल्लाह ने आप को औलाद जैसी नेअमत अता की है। हर कीमती चीज़ का सदक़ा देने से वह चीज़ महफूज़ रहती है। टी इस तरह ही बच्चे की पैदाइश के सातवें दिन उसका नाम रखें और अक़ीक़ा (Aqiqah) करें। तो अब आगे बढ़कर Aqeeqah Ki Dua के बारे में जान लेते है।


अक़ीक़ा की दुआ – Aqiqah Ki Dua In Hindi

यदि आप अक़ीक़ा करते है तो उसके लिए आपको कोई भी लम्बी चौड़ी दुआ पढ़ने की ज़रुरत नहीं है। आपको बस ये छोटी Aqeeqah ki dua पढ़नी होगी। जो हदीस में मौजूद है और हज़रत आयेशा (रज़ियल लाहू अन्हा) की बताई हुई है। तो वह दुआ कुछ इस तरह है।

बिस्मिल्लाहि वल्लाहु अकबर, अल्लाहुम्मा लका व इलैका, हाज़ा अक़ीक़तु फ़ुला

( फुलां की जगह जिसके नाम अक़ीक़ा हो रहा हो उसका नाम ले लें )

Bismillahi Wal Lahu Akbar, Allahumma Laka Wa Ilaika, Haza Aqiqatu Fulan

तर्जुमा: अल्लाह के नाम से जो अल्लाह बहुत बड़ा है, ए अल्लाह ! ये अक़ीक़ा तेरे लिए है और तेरी ही खिदमत में हाज़िर है, और ये अक़ीक़ा फलां ( जैसे ज़ैद या हामिद ) की तरफ़ से है।

इसके साथ ही हमने आपको नीचे और भी बहुत सी Aqeeqah ki dua hindi mein बताई है। जोकि कुछ इस प्रकार है।


Aqiqah ki dua In Arabic

Aqiqah ki dua Ladka Or Ladki Ke Liye In Arabic

Aqiqah ki dua Ladka

” अल्लाहम्मा हाज़िही अकीकतु __ (यहाँ बच्चे का नाम लें) दमुहा बि दमिही, व लहमुहा बि लहमिही, व अज्मुहा बि अज्मिही व जिल्दुहा बि जिल्दिही व शअ’रुहा बि शअ’रिही “। “

Aqiqah ki dua Ladki

” अल्लाहम्मा हाज़िही अकीकतु _ (यहाँ बच्ची का नाम लें) दमुहा बि दमिहा, व लहमुहा बि लहमिहा, व अज्मुहा बि अज्मिहा व जिल्दुहा बि जिल्दिहा व शअ’रुहा बि शअ’रिहा “। “

ऊपर की कोई एक दुआ पढ़ने के बाद ये दुआ पढ़ें

” इन्नी वजह्तु वजहिया लिल्ल्लज़ी फतारस समावती वल अर्ध। हनीफौं व मा अना मिनल मुशरिकीन। इन्ना सलाती व नुसुकी व महय्या व ममाती लिल्लाही रब्बिल आलमीन, ला शरीका लहू व बी जालिका उमिर्तु व अना अव्वल मुस्लिमीन।”अल्लाहुम्मा मिंका व लका। “

फिर पढें, बिस्मिल्लाह अल्लाह हु अकबर (Bismillah Allahu Akbar) और जानवर को जिवाह कर दें।


अकीका करने का तरीका – Aqiqah Karne Ka Tarika

  • हमारे इस्लाम एक ज़रूरी हिस्सा अक़ीक़ाह है। जोकि हमारे आखिरी पैगंबर सल्लल्लाहो अलैवसल्लम की बताई हुई सुन्नत है। जो हर पैदा होने वाले मुस्लिम बच्चे के लिए करना जरुरी है।
  • अक़ीक़ाह में क़ुरबानी वाला गोश्त गरीबो और मिसकिनो में बाटा जाता है। या दावत कर के इस्का गोश गरीबो, रिश्तेदारों, दोस्तो को दावत में खिलाया जाता है।
  • अगर कोई शख्स किसी वजह से सातवे दिन Akika नहीं कर सकते है। तो पन्द्रवे 15 या इक्कीसवे 21 या जब भी मुमकिन हो अक़ीक़ाह कर सकते है। हलाकि इसमें देरी जान बूझकर नहीं करनी चाहिए। इसी तरह नीचे मुकम्मल Aqiqah Karne Ka Tarika In Hindi में दिया गया हैं इसे शेयर करे।
  • Aqiqah में बच्चे की ओर से एक बकरी या मेमने की क़ुर्बानी देनी पढ़ती है। यह बच्चे के पैदा होने पर अल्लाह को शुकिया करना होता है।
  • आपको यह भी जानना होगा की ! अकीका फर्ज़ या वाजिब नहीं है सिर्फ सुन्नत मुस्तहब है। अगर कोई गरीब शख़्स को अक़ीक़ाह नहीं कर सकता है तो वह हरगिज़ जाइज़ नहीं कि कर्ज लेकर और वह भी मआज अल्लाह सूर पर कर्ज लेकर Aqiqah करे। आपको यह भी बता दें की कर्ज लेकर जकात देना भी जाइज नहीं है। जकात से बढ़ कर अक़ीक़ाह नहीं है।

Aqiqah में लड़का लड़की के लिए कौन सा जानवर

अगर आप किसी लड़के के लिए अक़ीक़ाह कर रहें है। दो बकरे और लड़की के लिए एक बकरी जिबह किए जाएंगे। लड़के के लिए बकरा और लड़की के लिए बकरी ज़िबह करना बेहतर है। यदि लड़का लड़की दोनों के लिए बकरा या बकरी भी जिबह करे तो कोई हर्ज नहीं।( कानूने शरीअत जिल्द -1 सपहा – 160 )

लड़के के लिए दो बकरे न हो सकें तो एक बकरे में भी Akika कर सकते हैं। उसी तरह गाय , भैंस ज़िबह करे तो लड़के के लिए दो हिस्सा और लड़की के लिए एक हिस्सा हो। अकीके के जानवर के लिए भी वही शर्तें हैं जो कुरबानी के जानवर के लिए ज़रूरी हैं। ( कानूने शरीअत जिल्द 1 सपहा 160 )


Hakika के जानवर के हिस्से पर मालूमात

आप अक़ीक़ाह के जानवर को तीन हिस्से में बाट लेंगे । जिसमे एक हिस्सा गरीबों को ख़ैरात का , दूसरा हिस्सा रिश्तादारों और अहबाब में तक्सीम का और तीसरा हिस्सा खुद का होगा।

अकीके का गोश्त गरीबों , फकीरों , रिश्तादारों , दोस्त व अहबाब को तक्सीम करे या पका कर फिर दावत कर के खिलाए , सब सूरतें जाइज़ हैं।

अकीके का गोश्त माँ , बाप , दादा , नाना , नानी गर्ज कि हर रिश्तेदार दो दिया जा सकता है। ( कानूने शरीअत जिल्द -1 सपहा – 160 )


Read Also :-

Leave a Comment

Share via
Copy link
Powered by Social Snap