अस्सलामो अलैकुम आज हम आपको Surah Maun In Hindi में बताने वाले है। जिससे आपको इस सूरह को याद करने में भी आसानी होगी। इसके साथ ही हम आपको सूरह माऊन हिंदी में तर्जुमा के साथ भी बताएंगे। तो आइये जानते और याद करते है सूरह माऊन।
सबसे पहले Surah Maun के बारे में थोड़ा जान लेते है। तो प्यारे बहन भाई इस सूरह में 7 आयतें हैं। कुरान में यह 30वें पारा में मौजूद है। इसमें एक रुकू है, और कुरान में यह 107वें नंबर की सूरह है।
सूरह माऊन हिंदी में ( Surah Maun In Hindi )
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम अ-र ऐतल्लज़ी युकज्जिबु बिद्दीन फ़ज़ालिकल्लज़ी यदु अल्-यतीम वला यहुज्जु अला तआमिल मिस्कीन फवैलुल् लिल्-मुसल्लीन अल्लज़ी-न हुम अन् सलातिहिम् साहून अल्लज़ी-न हुम् युराऊ-न व यम नऊनल माऊन
सूरह माऊन का तर्जुमा ( Surah Maun Tarjuma In Hindi )
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है
بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
أَرَءَيْتَ ٱلَّذِى يُكَذِّبُ بِٱلدِّيِ
فَذَٰلِكَ ٱلَّذِى يَدُعُّ ٱلْيَتِيمَ
وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلْمِسْكِينِ
فَوَيْلٌ لِّلْمُصَلِّينَ
ٱلَّذِينَ هُمْ عَن صَلَاتِهِمْ سَاهُونَ
ٱلَّذِينَ هُمْ يُرَآءُونَ
وَيَمْنَعُونَ ٱلْمَاعُونَ
सूरह माऊन हिंदी तर्जुमा ( Surah Maun Tarjuma In Hindi )
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।
- अ-र ऐतल्लज़ी युकज्जिबु बिद्दीन
क्या तुमने उसे देखा जो दीन को झुठलाता है?
- फ़ज़ालिकल्लज़ी यदु अल्-यतीम
वही तो है जो अनाथ को धक्के देता है,
- वला यहुज्जु अला तआमिल मिस्कीन
और मुहताज के खिलाने पर नहीं उकसाता
- फवैलुल् लिल्-मुसल्लीन
अतः तबाही है उन नमाज़ियों के लिए,
- अल्लज़ी-न हुम अन् सलातिहिम् साहून
जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल (असावधान) हैं,
- अल्लज़ी-न हुम् युराऊ-न
जो दिखावे के लिए कार्य करते हैं,
- व यम नऊनल माऊन
और साधारण बरतने की चीज़ भी किसी को नहीं देते
सूरह माऊन इमेज ( Surah Maun Image )
सूरह अल माऊन पीडीऍफ़ ( Surah Al-Maun Pdf Hindi Mein )
अब तक हमने आपको सूरह अल माऊनको हिन्दी में तर्जुमा के साथ बताया है। जिसको पढ़ने में आपको आसानी हुई होगी।
इसके साथ ही हमने अपने दिनी बहन भाइयों को Surah Al-Maun Pdf Hindi Mein उपलब्ध कराई है। ताकि आप इसको डाउनलोड कर सूरह अल माऊन याद कर सकते है।
Surah Al-Maun Ki Mp3 Or Audio File Download
आप सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों के लिए सभी भाषाओँ में Surah Al-Maun के बारे में बताया है। वैसे अक्सर जो चीज़े हमे देखके याद नहीं होती है वो सुनकर बहुत आसानी से याद हो जाती है।
तो नीचे हमने आपकी आसानी के लिए Sura Al-Maun Ki Mp3 का लिंक दिया है। जिसको डाउनलोड कर आप सूरह काफिरून याद कर सकते है।
सूरह माऊन की तफसीर ( Surah Maun In Hindi Tafseer )
1- क़यामत को न मानना – सबसे पहले तो यहाँ काफ़िरों और मुनाफीकों की बात की जा रही है जोकि क़यामत के दिन पर यकीन नहीं रखते यानि नहीं मानते है इसके साथ ही न ही क़यामत के दिन होने वाले हिसाब किताब को मानते हैं।
यह सर अपने दुनिया के कामो में लगे हुए है और अपने आप को बादशाह समझ कर जिंदगी जीते रहें हैं। इन्हें कोई फ़र्क भी नहीं पड़ता है।
2- यतीमों यानी गरीब और मिस्कीनो से बुरा बर्ताव करना – इस दौर में भी काफी ऐसे लोग है जोकि गरीबो यतीमो के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते है परन्तु यह लोग पहले की अपेक्षा कम है।
पहले लोग मिस्कीनों और यतीमों के साथ बुरा बर्ताव करते और उनको उनके हक्क से मरहूम कर देते थे और उनकी कोई इज्जत भी नहीं करते थे यतीमों को खिलाना पिलाना तो दूर उल्टा उन्हीं का हक़ मारते थे।
3. गरीबों और मिस्कीनो को खाना न खिलाना – अब जो लोग गरीबो को खाना न खिलाना न चाहते है; जब कि अल्लाह ने आपको हर चीज से नवाजा फिर भी आप गरीबों को खाना नहीं खिलाते और तो और किसी और को गरीबों की मदद करने की नसीहत या तरकीब नहीं देते। ज़ाहिर सी बात है कि जिस शख्स के अन्दर नरमी नहीं होगी।
वो न तो खिलाने पर दूसरों को न ही रास्ता बताएगा और न ही खुद खाना खिलाएगा और फिर ये सब न करने का वो लोग ये बहाना बनाते थे कि “हम उन को कैसे खिलाएं अगर अल्लाह चाहता तो खुद उनको खिला देता” सूरह यासीन में इस का ज़िक्र आया है।
जैसे की हम सभी को पता है की आज के ज़माने में लोग गरीबों को अछूत समझते हैं और उन्हें नीचा दिखाते हैं। जिससे उन्हें तकलीफ होती है। जिससे अल्लाह नाराज़ होता है।
अब इस सौराह की अगली चार आयतों में तीन बातों का ज़िक्र किया गया है जो कि मुनाफिकीन से मुताल्लिक हैं यानि आप जिनमे मुनाफिकीन के बारे में बताया गया है।
4. नमाज़ों में गफलत करना। – ऐसे भी बहुत से लोग इस दुनिया में पाए जाते हैं, जिनको नमाज़ से कोई मतलब नहीं है। जबकि वो मुस्लमान हैं और अगर नमाज़ अदा भी करते तो सुश्ती या जल्दबाजी में अदा करते हैं।
और पढ़ भी ली चाहे डर से या मां बाप की जबरदस्ती की वजह से लेकिन कभी पढ़ी, कभी नहीं पढ़ी; मतलब बस दिखाबे के लिए पढ़ लिया, लेकिन वो नमाज़ जो उन्होंने पढ़ी वह क़बूल नहीं होंगी। कोई भी शख्स अगर दिखावे के लिए को काम करता है तो वह मन नहीं जाता और न ही उसका सवाब मिलता है।
5- दिखावा करना – दिखावा किसी भी प्रकार का हो सकता है। लेकिन यहां दिखावे से मुराद है कि; लोग अगर कभी दीन और सवाब का काम करते हैं जैसे नमाज़ अदा की, या हज किया, या ज़कात दी तो उनके दिल में वो इबादत के लिए नहीं ब्लकि दिखाने के लिए किया जाता है।
यह सब कुछ करना उनका मकसद इबादत या दीन के खातिर नहीं बल्कि; अपने पैसों की नुमाइश करने के लिए किया बस इबादत और दीन की आड़ में।
6. माऊन को रोक लेना – माऊन के बारे में हज़रत अब्दुल्ला बिन मसूद र।अ।और हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास र।अ। की रिवायत है कि इस का मतलब उन घरेलु ज़रुरत की आम चीज़ो से हैं, जो एक दुसरे को इस्तेमाल के लिए दी जाती हैं जैसे की पानी, बर्तन, गिलास शामिल है ।
परन्तु हज़रत अली और मुफस्सिरीन ने इसका मतलब ज़कात बताया है। इस आयत में ज़कात न देने पर अल्लाह ने नाराज़गी फरमाई है।
सूरह माऊन के फायदे ( Surah Al Maun Ki Fazilat )
जो भी मुसलमान Surah Al Maun को पढ़ते है। उसको बुरे ख़यालात नहीं आएंगे और उसको नमाज़ पढ़ने की तौफीक होगी। इस सूरह को पढ़ने से आपकी नमाज़ में ख़ुसु और क़ुज़ु पैदा होगी। और नमाज़ में दी भी लगेगा।
हम उम्मीद करते है की आप सभी को Surah Maun In Hindi के बारे में काफी समझ में आया होगा। अगर हमसे आर्टिकल को लिखने कोई गलती हो गयी हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है।
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