आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको Tabbat Yada Surah Lahab In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी देने वाले है। हमारी आप सभी से गुज़ारिश है, की आप लेख को पूरा ज़रूर पढ़े। तो चलिए आगे बढ़ते है।
सूरह लहब मक्की की सूरह है। जिसमे 5 आयतें हैं। सूरह लहब कुरआन में 30वें पारा में 111 नंबर की सूरत है। इस सूरह की आयत 1 में (तब्बत) शब्द आता है। जिस कारण ही इसको ( सूरह तब्बत ) का नाम दिया गया है।
इब्ने अब्बास ( रज़ियल्लाहु अन्हुमा ) से रिवायत है कि जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को यह आदेश दिया गया कि आप अपने करीबियों को अल्लाह से डरायें, तो आप सफा “पहाड़ी” पर गये, और पुकाराः “हाय भोर की आपदा!” यह सुन कर कुरैश के सभी परिवार जन एकत्र हो गये।
तब आप ने कहाः अगर मैं तुम से कहूँ कि इस पर्वत के पीछे एक सेना है। जो तुम पर आक्रमण करने को तैयार है। तो तुम मेरी बात मानोगे? सब ने कहाः हाँ। हमने कभी आप से झूठ नहीं आजमाया।
आप ने फरमायाः मैं तुम्हें आग (नर्क) की बडी यातना से सावधान करता है। इस पर किसी के कुछ बोलने से पहले आप के चचा “अबु लहब” ने कहाः तुम्हारा सत्यानास हो! क्या हमें इसी लिये इकठ्ठा किया है?
इसके साथ ही और एक रिवायत में यह भी है कि उसने आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को मारने के लिए पत्थर भी उठाया है। इसी पर यह सूरह उतारी गई है। (देखियेः सहीह बुख़ारीः 4971, और सहीह मुस्लिमः 208)
इस सूरत की 1 से 3 तक की आयत में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के दुश्मन अबू लहब के बुरे परिणाम से सूचित किया गया है। फिर 4 और 5 आयत में उस की पत्नी के शिक्षाप्रद परिणाम का दृश्य दिखाया गया है। जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से बैर रखने में अपने पति के साथ शामिल थी।
सूरह लहब हिंदी में ( Surah Lahab In Hindi )
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
1. तब्बत यदा अबी लहबिव वतब्ब
2. मा अगना अन्हु मलुहू वमा कसब
3. सयसला नारन ज़ात लहब
4. वम रअतुहू हम्मा लतल हतब
5. फिजीदिहा हब्लुम मिम मसद
सूरह लहब हिंदी में तर्जुमा के साथ ( Surah Lahab Tarjuma In Hindi )
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।
तब्बत यदा अबी लहबिव वतब्ब
अबू लहब के दोनों हाथ टूट जाएँ और वो हलाक हो जाये
मा अगना अन्हु मलुहू वमा कसब
न तो उसका माल उसके काम आया न तो उसकी कमाई
सयसला नारन ज़ात लहब
अब वो भड़कती आग में दाखिल होगा
वम रअतुहू हम्मा लतल हतब
और उसकी बीवी भी जो सर पर लकड़ियाँ लाद कर लाती है
फिजीदिहा हब्लुम मिम मसद
उसके गले में एक खूब बटी हुई रस्सी होगी
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Tabbat Yada Abi Lahab Surah In Hindi Pdf Download
हमने अपने सभी दिनी बहन भाइयों को सूरह लहब को हिन्दी में तर्जुमा के साथ बताया है। जिसको पढ़ने में आपको आसानी हुई होगी।
इसके साथ ही आपको Tabbat Yada Abi Lahab Surah In Hindi Pdf भी उपलब्ध कराई है। ताकि आप इसको डाउनलोड कर सूरह लहब याद कर सकते है।
तब्बत यदा अबी लहब सूरह के फायदे ( Benefits Of Surah Al Lahab )
बारिश का इन्काद यानी अल्लाह से बारिश को रोकने की दुआ
यदि कोई शख्स किसी शादी या किसी दुसरे दीनी प्रोग्राम में जा रहा हो और फिर सफ़र में बारिश पड़ जाती है। तो उस शख्स को चाहिए कि वह सूरह अल लहब की तिलावत करे। इस सूरह की तिलावत करने से इंशा अल्लाह, अल्लाह सुब्हाना व तआला उसकी दुआ ज़रूर क़ुबूल करेंगे।
किसी की धमकी या डर का सामना करना
- इसके साथ ही आप मान ले की आपको किसी ने डराया है और बेवजह आपको धमकी भी दे रहा है। तो अगर आप इस स्तिथि में दो बार सूरह लहब की तिलावत करके उस शख्स का सामना करते है। तो अल्लाह आपकी मदद करता है उस शख्स का सामना करने में।
- Surah Al Lahab इंसान के लिए सफाअत और डर से फ़ज़ीलत प्रदान करती है।
गैर अख्लाकी काम को करने से डरना
- आपको सूरह अल लहब को पढ़कर जहन्नुम के अजाब से डरना चाहिए। यह बहुत जरूरी है कि सभी मुसलमानों को अल्लाह से अधिक डरना चाहिए। और उन बातो पर अम्ल करना चाहिए। जो अल्लाह और आप ने करने के लिए बताई है।
- अगर कोई भी शख्स गैर अख्लाकी काम करता है। जिसमे विषेकर इस्लाम में बदकारी और बदकारी से मुताल्लिक माअमलात में अल्लाह सुब्हाना व तआला से डरना आवश्यक है।
तकलीफ दह जिन्दगी से दूर
आप इस सूरत से एक और फायदा हासिल कर सकते है, जैसा की कोई शख्स है जो अबू लहब जैसा किरदार रखता हो जो इस्लाम में बोहतान लगाना पसंद करता हो दूसरों को निचा दिखाना पसंद करता हो तो उसे यकीनी तौर पर तकलीफ से भरी जिन्दगी का सामना करना पड़ेगा। पर अगर वह शख्स अपने पापो का प्रायश्चित करना चाहता है। तो उनको सूरह लहब की तिलावत करनी चाहिए।
ये सूरत अल लहब कब नाजिल हुई ?
तो यह सूरह जब उतारी गई जब हुज़ूर स.अ. ने अल्लाह तआला के हुक्म से पहली बार सफा पहाड़ी पर चढ़ कर मक्का वालों को जमा किया और उन के सामने इस्लाम की दावत दी। जिसके बाद अबू लहब ने कहा “ तुम हालाक हो जाओ क्या तुमने हमें इस कारण जमा किया था ” उस मौके पर ये सूरत नाजिल हुई।
अबू लहब की बीवी उम्मे जमील भी आप स.अ. के खिलाफ थी और उनको तकलीफ पहुँचाने में आगे आगे रहती थी। वैसे तो अबू लहब मक्का के दौलत मंद लोगों में से एक था।
मगर कंजूसी का यह आलम था की उसकी बीवी पीठ पर लकड़ियों का ढेर बुनी हुई रस्सी से अपनी पीठ पर रख कर गर्दन से बाँध लेती थी। इस सुरह में अबू लहब और उसकी बीवी के हुए बुरे अंजाम का ज़िक्र है ये “ हाथ टूट जाएँ और बर्बाद हो जाए ” एक मुहावरा है जो उर्दू में भी बोला जाता है।
हम उम्मीद करते है की आप सभी को Tabbat Yada Surah Lahab In Hindi बताए है। अगर हम से इस लेख को लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमे ज़रूर बताना। ताकि हम अपनी गलती को सुधार सके और आप लोगो तक एक सही पैगाम पंहुचा सकें।
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