Charo Qul In Hindi :- आज हम अपनी इस पोस्ट की मदद से 4 Qul In Hindi में बताने वाले है। जिसके बारे में सभी मुस्लमान भाइयों को ज़रूर पता होना चाहिए है। हमारे प्यारे नबी ( मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ) भी इसे पढ़ा करते थे। चलिए आगे बढ़ते है और कुरआन के चारों कुल हिंदी में जानते है।
Charo Qul In Hindi – 4 Qul In Hindi PDF Downlaod
चारों कुल | सूरह का नाम | सूरह का नंबर कुरान मे | कुल आयत |
कुल 1 | Surah Al Kafirun | 109वीं | 6 |
कुल 2 | Surah Al Ikhlas | 112वीं | 4 |
कुल 3 | सूरह अल-फलक़ | 113वीं | 5 |
कुल 4 | सूरह अन-नास | 114वीं | 6 |
कुल नंबर 1- सूरह अल-काफिरून ( Surah Al Kafirun )
सूरह काफिरून हिन्दी मे कुल 1 में आती है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 109वीं सूरह है, जिसमें 6 आयतें है।
इस सुरह अल काफ़िरून में खासकर उन लोगों का ज़िक्र है। जो अल्लाह को नहीं मानते या जो इस्लाम के मुखालीफ़ हैं।
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. कुल या अय्यूहल काफिरून
2. ला आ- बुदू मा ता’बुदून
3. वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद
4. वला अना आबिदुम मा आ बद्दतुम
5. वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद
6. लकुम दीनुकुम वलिया दीन
सूरह काफिरून हिंदी तर्जुमा ( Surah Kafirun Tarjuma Hindi )
आप कह दो, “ऐ काफिरों
मैं उसकी इबादत नहीं करता जिसकी तुम इबादत किया करते हो।
ना ही तुम इबादत करते हो उसे जिसकी मैं इबादत करता हूं।
और ना मैं इबादत करूंगा उसकी जिसकी तुम इबादत करते हो।
और ना तुम उसकी इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत कर रहा हूं।
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है,और मेरे लिए मेरा दीन है।
कुल नंबर 2- सूरह अल-इखलास ( Surah Al Ikhlas In Hindi )
इसके बाद सूरह अल-इख़लास हिन्दी मे कुल 2 में आता है। यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 112वीं सूरह है। जिसमें 4 आयतें है। इस सूरह का मतलब वफादारी या इखलास से है, इसे अक्सर मताकित , एकता, अल्लाह की एकता, ईमानदार धर्म; [अल्लाह की] तकमील का ऐलान की तरह में जाना जाता है।
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. कुल हुवल लाहू अहद
2. अल्लाहुस समद
3. लम यलिद वलम यूलद
4. वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
सूरह इखलास हिंदी तर्जुमा ( Surah Al Ikhlas Tarjuma Hindi Mein )
आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है
अल्लाह बेनियाज़ है
वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा
और न कोई उसके बराबर है
कुल नंबर 3- सूरह अल-फलक ( Surah Al Falaq In Hindi )
अब तीसरे नंबर पर सूरह अल-फलक़ के बारे में जानते है। तो सूरह अल-फलक़ हिन्दी मे कुल-4 में आती है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 114वीं सूरह है, जिसमें 6 आयतें है। ये सूरह भी मक्का में नाज़िल हुई थी। इस सूरह का मतलब इंसानियत है।
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास
2. मलिकिन- नास
3. इलाहिन- नास
4. मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास
5. अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास
6. मीनल जिन्नती वन्नास
सूरह नास का हिंदी तर्जुमा ( Surah Nas Tarjuma Hindi Mein )
आप कह दीजिए की मैं लोगों के पालनहार की पनाह में आता हूं
लोगों के मालिक की (और)
लोगों के माबूद की (पनाह में)
वसबसा डालने वाले और पीछे हट जाने वाले के शर से
जो लोगों के दिलो में वस्वसा डालता है
चाहे वो इंसानों में से हो या जिन्नातों में से
4 कुल हिंदी इमेज ( Four Qul Hindi Image )
चारों कुल की पीडीएफ हिंदी में ( Four Qul Pdf In Hindi )
आप सभी ने अब तक के लेख को बहुत ध्यान से पढ़ा उसके लिए बहुत शुक्रिया अब हमने आपको नीचे Four Qul Pdf In Hindi भी उपलब्ध कराई है। ताकि आप इसको डाउनलोड कर सूरह याद कर सकते है।
चारों कुल पढ़ने के फायदे ( Benefits Of 4 Charo Qul In Hindi )
यदि आप इन चारों कुल को पढ़ेंगे तो आपके मन में यह सवाल ज़रूर आएगा की Four Qul को पढ़ने की क्या फ़ज़ीलत है। तो नीचे हमने आपको चारो कुल के फायदो के बारे में बताने वाले है। जोकि इस प्रकार है:-
पहली सूरह, सूरह काफ़िरून।
- आपको बताएं तो सूरह काफिरुन पूरे कुरान ए-मजीद के एक चौथाई के बराबर है।
- यदि कोई शख्स सोने से पहले सूरह अल काफ़िरून को पढ़ते है तो आप शिर्क करने से बच्चे रहते है।
- इसके साथ ही अगर आप रोजाना सोने से पहले सौराह अल काफ़िरून को पढ़ेंगे। तो आप इंशा अल्लाह पूरी रात महफूज़ रहेंगे।
दूसरी सूरह, सूरह इखलास।
- यदि कोई इंसान पाबन्दी से 10 मरतबा सूरह इखलास पढता है। तो अल्लाह सुब्हना व ताला उस इंसान के लिए जन्नत में घर बनाएगा।
- अगर कोई शख्स सूरह इखलास को 3 मरतबा पढता हैं। तो इसका सवाब आपको पुरे 1 क़ुरान का मिलेगा।
तीसरी सूरह सूरह, अल फलक।
- सूरह अल फलक को पढ़ने से अल्लाह हमे काला जादू और बुरी नज़रों से बचाता है।
चौथी सूरह, सूरह अन नास ।
- अगर आप सूरह नास को पढ़ने है तो आपके ज़ेहन में चल रहें ख़राब सोच और वस्वसे ख़त्म हो जाती है।
- अगर कोई शख्स रात को अपने घर में सूरह नास पढ़ता है। तो पूरी रातउसक शख्स का घर जिन्नों की बुराई से महफूज़ रहता है।
- तो मुस्लमान भाइयों हमने आपको ऊपर बताए यही कुछ Charon kul padhne ke fayde है।
चारों कुल पढ़ने का समय ( 4 Qul Padhne Ka Samay )
अगर सवाल यह है की चार कुल किस समय पढ़ना चाहिए तो इनको पढ़ने का कोई समय नहीं है। वैसे यह भी है की बड़े-बड़े सख्शियत का मानना है की कुछ समय ऐसे होते हैं। जिस समय 4 qul in hindi पढ़ने का ज्यादा असर होता है।
यदि हाँ अल्लाह सारा वक़्त एक जैसा बनाया है। तो आप जब चाहें चारों कुल को पढ़ सकते हैं। अल्लाह को याद करने और उसकी इबादत करने का कोई एक समय नहीं है। तो चलिए चारों कुल पढ़ने का समय के बारे में बताने वाले है।
- आप फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद चार कुल पढ़ सकते है।
- आप चाहे तो आप किसी भी नमाज़ के बाद चार कुल को पढ़ सकते है। तो आपको बराबर का सवाब है।
- इसके साथ ही आप कोई भी काम शुरू करने से पहले चार कुल पढ़ सकते है।
- घर से बहार निकलते वक़्त भी पढ़ा जा सकता है।
- यदि आपको घबराहट हो तो भी आप इनको पढ़ सकते है इससे आपको सुकून मिलेगा।
- तरावीह पढ़ने के बाद और साथ ही सोते वक़्त भी पढ़ सकते है।
- किसी भी वक़्त और कभी भी बुरा ख्याल आने पर 4 Qul पढ़ सकते है।
Charo Qul In Hindi की एक हदीस
हज़रत आयशा फरमाती है – जब भी पैगंबर सलल्लाहो अलैहि वसल्लम (ﷺ) हर रात बिस्तर पर जाते थे, तो वह अपने हाथों को एक साथ जोड़ते थे और सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अन-नास को पढ़ते और अपने जिस्म पर फूँक मारते थे, और फिर अपने हाथों को वो जिस्म मे जहाँ तक ले जा सकते वहाँ तक के हिस्से को रगड़ते थे। उसके बाद वो अपने सिर, चेहरे और अपने शरीर के सामने के हिस्से को रगढ़ते थे ऐसा वो तीन बार पाबन्दी के साथ करते थे।
हम उम्मीद करते है की आप सभी को Four Qul Hindi Mein से जुड़ी जानकारी पसंद आई होगी। अगर हम से इस लेख को लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमे ज़रूर बताना। ताकि हम अपनी गलती को सुधार सके और आप लोगो तक एक सही पैगाम पंहुचा सकें।
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