आज के इस आर्टिकल के ज़रिए हम आपको Surah Naas In Hindi के साथ साथ सूरह नास हिंदी में तर्जुमा भी बताने वाले है। तो चलिए जानते है।
सबसे पहले आपको यह बता दें, की सूरह नास मक्की है। इसमें 6 आयतें हैं। सूरह नास में पाँच बार ( नास ) आया है।
नास सूरह की आयत 1 से 3 तक पनाह ( शरण ) देने वाले के गुण बताये गये हैं। इसके बाद आयत 4 में जिस की बुराई से पनाह ( शरण ) मांगी गई है, उस के घातक शत्रु होने से सावधान किया गया है।
फिर आयत 5 में बताया गया है, कि वह इन्सान के दिल पर आक्रमण करता है। आयत 6 में सावधान किया गया है कि यह शत्र जिन्न तथा इन्सान दोनों में होते हैं।
Surah Naas In Hindi – सूरह नास हिंदी में
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
कुल अऊजु बिरब्बिन नास [1]
मलिकिन नास [2]
इलाहिन नास [3]
मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास [4]
अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास [5]
मिनल जिन्नति वन नास [6]
सूरह नास हिंदी में तर्जुमा के साथ – Surah Naas Ka Tarjuma In Hindi
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है
- कुल अऊजु बिरब्बिन नास[1]
हे नबी! कहो कि मैं उसकी पनाह में आया जो सब लोगों का रब है।
- मलिकिन नास[2]
सब लोगो का बादशाह।
- इलाहिन नास[3]
सब लोगों का खुदा है।
- मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास[4]
बसबसे डालने वाले और छुप जाने वाले (राक्षस) की बुराई से।
- अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास[5]
जो लोगों के दिलो में बसबसे डालता रहता है।
- मिनल जिन्नति वन नास[6]
जो जिन्नों में से है और मनुष्यों में से भी।
Surah An Nas In Hindi Pdf Download
अब तक हमने आपको सूरह नास को हिन्दी में तर्जुमा के साथ बताया है। जिसको पढ़ने में आपको आसानी हुई होगी।
इसके साथ ही हमने अपने दिनी बहन भाइयों को Surah An Nas In Hindi Pdf उपलब्ध कराई है। ताकि आप इसको डाउनलोड कर सूरह काफिरून यद् कर सकते है।
Surah Naas Mp3/Audio Download
सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों के लिए सभी भाषाओँ में Surah Naas के बारे में बताया है। वैसे अक्सर जो चीज़े हमे देखके याद नहीं होती है वो सुनकर बहुत आसानी से याद हो जाती है।
तो नीचे हमने आपकी आसानी के लिए Surah Naas Mp3/Audio Download का लिंक दिया है। जिसको डाउनलोड कर आप सूरह याद याद कर सकते है।
सूरह नास की हदीस हिंदी में ( Some Hadith On Surah Naas )
1- आयशा रजिअल्लाहो से रिवायत है: जब भी अल्लाह के रसूल(ﷺ) बिस्तर पर जाते थे, तो वह सूरत-अल-इखलास, सूरत-अल-फलक और सूरत-ए-नास की तिलावत करते थे।
फिर अपनी हथेलियों पर फूंक मारते थे और उन्हें अपने चेहरे और उन हिस्सों पर फेरते थे ,जहाँ तक हाथ पहुंच सकें और जब वे बीमार पढ़ते, तो मुझे उनके लिए वैसा ही करने का हुकुम देते थे।
2- आयशा रजिअल्लाहो अन्हो से रिवायत है: जब भी अल्लाह के रसूल (ﷺ) बीमार हो जाते, तो वह मुअव्विदत (सूरत अल-फलक और सूरत अन-नास) पढ़ते और फिर अपने जिस्म पर दम करते।
जब वे शदीद बीमार हो जाते तो, (इन दो सूरह) की तिलावत करते थे और उसके अहसानात (अल्लाह) की उम्मीद में अपने जिस्म पर हाथ फेरते थे।
3- हदीस में है कि नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) हर रात जब बिस्तर पर जाते तो सूरह इख्लास और यह सूरह नास और इस के पहले की सूरह (सूरह अल फलक) पढ़ कर अपनी दोनों हथेलियाँ मिला कर उन पर फूंकते।
फिर जितना हो सके दोनों को अपने शरीर पर फेरते। सिर से शुरू करते और फिर आगे के शरीर से गुज़ारते। ऐसा आप तीन बार करते थे।
Surah Naas Ki Fazilat Aur Wazifa
हमारे रब ने हमे कुरआन को एक निहायत कीमती तोहफे के रूप में दिया है। यहाँ हम सूरह नास की फ़ज़ीलत के बारे में कुछ बता रहे है। जोकि कुछ इस तरह है:-
- अगर कोई शख्स बीमारी की हालत में हो। तो उसको चाहिए की सूरह नास की तिलावत करे।
- सोने से पहले हम सूरह नास और सूरह अल फलक की तिलावत करें क्यूंकि यह हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाह अलैहि व सल्लमसल्ल्लाल किया करते थे। जिसकी ऊपर हदीस ब्यान की गयी है।
सूरह नास कब और कहाँ नाज़िल हुई ?
जैसे की हमने आपको बताया की यह सूरत मक्का में नाज़िल हुई ( कुछ रवायत में इस सूरह को मदीना में नाज़िल होना भी बताया गया है ) जैसे जैसे इस्लाम की दावत फैलती गयी वैसे वैसे कुफ्फार और कुरेश की मुखालिफत भी बढ़ती गयी।
जिन लोगो ने इस्लाम कबूल किया था उन के खानदान के दिलों में तो हुज़ूर ल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ हर वक्त गुस्सा भरा रहता था। घर-घर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कोसा जा रहा था।
लोग तरकीब बना रहे थे की किसी वक़्त रात को छुप कर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कतल कर दें। इसके साथ ही आप के खिलाफ जादू टोना किया जा रहा था ताकि आपका या तो इंतकाल हो जाये या फिर आप बीमार पड़ जाएँ।काफी लोगो की वजह से लोगों के दिलों में हसद की आग भी जल रही थी। जिसका कारण यह है की वो अपने सिवा या अपने कबीले की किसी आदमी के सिवा दूसरे किसी शख्स का चिराग जलता नही देख सकते थे।
सूरह नास का खुलासा
आप रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि इन लोगों से कह दो की में पनाह मांगता हूँ सभी के रब से,
तमाम मख़लूक़ात के शर से और जादू गरौ और जादू गरनियों के शर से, और हासादो के शर से। और उन से केह दो की में पनाह मांगता हूँ इंसानों के रब, इंसानो के बादशाह और इंसानों के माबूद की हर उस वस वसा अंदाज़ के शर से जो बार बार पलट कर आता हैं,और लोगों के दिलों में वस वसे डालता है, वो शैतान जिन में से हो या शैतान इंसान में से हो।
ये इस तरह की बात है जैसे हज़रत मूसा अले हिस्सलाम ने उस वक़्त फ़रमाई थी जब फिरोन ने भरे दरबार में इन के कतल का इरादा ज़ाहिर किया था।
सूरह नास की हिंदी तफसीर ( Surah Naas Tafseer In Hindi )
- (कुल) “कहो”— इस इरशाद के अव्वलीन मुख़ातब तो, हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं, मगर क़यामत तक आने वाले तमाम इन्सान व जिन्न भी इसके मुख़ातब हैं।
- (अऊज़ु) “मैं पनाह मांगता हूँ” — पनाह मांगने से मुराद किसी चीज़ से ख़ौफ महसूस करके अपने आपको उससे बचाने के लिए किसी दूसरे की हिफ़ाज़त में जाना। मोमिन ऐसी तमाम आफ़तों जिनको दूर करने पर वो ख़ुद अपने आपको क़ादिर नहीं समझता, सिर्फ़ अल्लाह तआला की तरफ रुजू करता है और उसी की पनाह मांगता है।
- (फलक़) के लफ़्ज़ी माना फटने के हैं, यहाँ सुबह का नमूदार होना मुराद है। (रब्बिलफ़लक़) से अल्लाह जल्ला जलालुहू मुराद हैं। (मिन शर्रि मा ख़लक़) में सारी मख़लूक़ दाख़िल है, यानी मैं अल्लाह की पनाह मांगता हूँ सारी मख़लूक के शर से। यहाँ तीन चीज़ों के शर से ख़ास तौर से पनाह मांगी गई है।
- (मिन शर्रि ग़ासिक़िन इज़ा वक़ब, वमिन शर्रिंन नफ़्फ़ासाति फ़िल उक़द) और (वमिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद) और अँधेरी रात के शर से जब वो फैल जाए और उन जानों के शर से जो (गंडे की) गिरहों में फूँक मारती हैं और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करे।
- अँधेरी रात के शर से ख़ास तौर से इसलिए पनाह मांगी गई है कि आम तौर पर जादूगरों की कार्रवाइयाँ रात के अँधेरों में हुआ करती हैं। (नफ़्फासात) में मर्द व औरत दोनों दाख़िल हैं, जादूगर मर्द हो या औरत धागे के गंडे बना कर उसमें गिरह लगाते जाते हैं और उन पर कुछ पढ़-पढ़ कर फूंकते रहते हैं, उनके शर से पनाह मांगी गई है। नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर जादू रात में किया गया था, गिरहें बांध कर किया गया था और आपसे हसद की बुनियाद पर किया गया था, इसलिए इन तीन चीज़ों से ख़ासतौर पर पनाह मांगी गई।
- (हसद) के मायने हैं किसी की नेमत व राहत को देख कर जलना और ये चाहना कि उससे ये नेमत ख़त्म हो जाए चाहे उसको भी हासिल न हो। हसद हराम और गुनाहे कबीरा है। सूरह अल फलक़ में अल्लाह की एक सिफत रब्बुल फलक़ ज़िक्र करके तीन चीज़ों से पनाह मांगी गई थी।
- सूरह अन्नास में अल्लाह तआला की तीन सिफात (रब्बिन्नास , मलिकिन्नास) और (इलाहिन्नास) ज़िक्र करके एक चीज़ से पनाह मांगी गई है और वो है शैतान के वसवसे डालने से।
- (वस्वासिल ख़न्नास) वसवास के मायने बार बार वसवसा डालने के हैंऔर ख़न्नास के मायने ज़ाहिर होने के बाद छुपने या आने के बाद पीछे हट जाने के हैं। यानी वो बार बार वसवसा अन्दाज़ी की कोशिश करता है, एक बार नाकामी पर दोबारा,और बार बार आता रहता है।
हम उम्मीद करते है की आप सभी को Surah Naas In Hindi के बारे में काफी समझ में आया होगा। अगर हमसे आर्टिकल को लिखने कोई गलती हो गयी हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है।
Read Also :-
- रमज़ान में ये काम बिलकुल ना करे | Ramzan Me Ye Kaam Bilkul Na Karen
- Shab E Qadr Ki Dua In Hindi – शबे क़द्र की दुआ हिंदी में
- Ramzan Ke Maheene Ki Fazilat – रमज़ान की फ़ज़ीलत इन हिंदी
- घर में ईद की नमाज़ का खुतबा कैसे पढें ?
- 3 Kaam Ramzan Khatm Hone Se Pahle Kare
- तीन तरह के रोजदार – 3 Types Of Rozedar In Hindi
- लैलतुल क़द्र की खास 6 निशानिया – Lailatul Qadr Ki Nishaniyan
- 10 काम रमजान में जरूर करें – 10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen
- ज़कात किन रिश्तेदारों को देनी चाहिए ? – Zakat Kin Rishtedaron Ko Dena Chahiye
- 14 चीजे जिनसे रोज़ा टूट जाता है ? – Roza Kin Cheezon Se Toot Jata Hai
- किन चीजों से रोज़ा मकरूह होता है ? – Roza Kin Cheezon Se Makrooh Hota Hai
- लैलतुल क़द्र या शबे क़द्र क्या हैं ? – Lailatul Qadr Ya Shabe Qadr Kya Hai
- एतकाफ की नियत और दुआ – Itikaaf Ki Niyat Aur Dua
- एतकाफ क्या है और उसमे क्या करे ? – Itikaaf Kya Hai Aur Usme Kya Kare
- कज़ा रोज़े कैसे रखें ? – Qaza Roza Kaise Rakhen
- रमजान के रोज़े का कफ्फारा कैसे अदा करें ?