Taraweeh ki Namaz in Hindi – तरावीह की नमाज़ पढने का तरीका

Taraweeh Ki Namaz :- बहुत से लोग ऐसी जगह रहते हैं जहां मस्जिद नहीं है और अगर हो भी तू दूर है। अतः रात में वहां जाना संभव नहीं है, और वह घर पर नमाज अदा करना चाहते है।

पिचले कुछ टाइम में COVID-19 के चलते कहीं जगह पर मस्जिद बंद हैं, जिससे वो लोग मस्जिद नहीं जा सकते थे, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मस्जिद नहीं जा सकते। तो वे अपने घरों में तरावीह की नमाज अदा कर सकते हैं, हलंकी तरावीह जरूरी नहीं है, यह सुन्नत है, लेकिन ये किया जाना चाहिए।

क्योंकी रमजान का माहीना करीब है और हम सब मुस्लिम भाईयों और बहनो ने इसकी तयारी शुरू कर दी है और हम सभी इसे पूरे दिल और ईमान से करेंगे।

रमजान उल मुबारक में हम दिन में नमाज पढ़ते हैं और कुरान पढते हैं, इसी तरह रात की इबादत में तरावीह भी शमिल है, तो आज हम आपको बताते जा रहे हैं घर में तरावीह की नमाज कैसी है  जाति है।


Taraweeh Ki Namaz Padhne Ka Tarika

आपको बताता दूं की घर पर तरावीह की नमाज का तारिका मस्जिद में पढ़ी जाने वाली नमाज के तारिक से थोड़ा अलग है, थोड़ा क्या पूरा अलग है। जहां इमाम मस्जिद में पूरा कुरान सुना देता है, तो वही में जब घर के तरावीक की नमाज पढ़ते है, तो जरूरी नही है की पूरा कुरान याद हो।

मुमकिन है, की कोई ाफिज ना हो;  घर में हम कुछ चुनिंदा सुरातो ही पढ़ पाते हैं, क्यों हम को पूरा क़ुरान याद नहीं।

अगर आपके घर में कोई हाफिज-ए-कुरान है तो आप उसके पीछे तरावीह की नमाज अदा कर सकते हैं;  ये बिलकुल मस्जिद वाली नमाज की तरह ही माने जाएंगे लेकिन अगर आपके घर में कोई हाफिज ना हो तो आप दोसरी तरह से तरावीह पढ़ सकते हैं, जो हम आपको बता ने वाला है।

लेकिन ये एक बात याद रखे – की तारावीह मतलब पूरी कुरआन की सूरतों को पढ़ा देना लेकिन हम घर में पूरी कुरान को लफ्ज़-ब-लफ्ज़ नहीं पढ़ सकते , इसलिए आप को चाहिए की 20 सुर्तो को सही क्रम में याद करले। और 20 रकात तरावीह की नियत से पढ़ले।


Kya hum Ghar Mein Jamat Ke Sath Taraweeh Padh Sakte Hai Ya Nahi ?

हां बिल्कुल पढ़ सकते हैं अगर घर के किसी शख्स को अच्छी तरह से कुरान शरीफ अब जो हो और वह अच्छी तरह से पढ़ा सके तो आप घर में जमात के साथ तरावीह की नमाज अदा कर सकते हैं।

यह जरूरी नहीं है कि आपको पूरा कुरान हिफ्ज हो तरावीह पढ़ने के लिए। आपको 20, 10, 5 या 4 सूरत भी हिफ्स हु तो आप तरावीह के नमाज पढ़ सकतें है।


Ghar par Taraweeh ki Namaz Padhne ka Tarika bataye ?

तरावीह की नमाज़ घर पर किसको पढ़ना चाही ये जाने के बाद अब जाना है की घर पर तरावीह की नमाज पढ़ने का तारिका कफी आसन तारिके से।  आपको सिरफ कुरान शरीफ की कुछ सूरह याद होने चाहिए जो नीचे देख सकते हैं।

Kaun see Rakat mein kaun see surah padhen ?

  • पहली रकाती:- alam taara kaif surah padh lena
  • दूसरी रकाती:- li ilaaphi quraish surah padh lena
  • तीसरी रकाटी:- surah ara aital lazi padhen
  • चौथी रकाटी:- inna ataina kal kausar surah padhe
  • पंचवीन रकाटी:- surah qul ya ayyuhal kaafiroon padhen
  • छती रकाती:- surah iza ja a nasrullahi wal fath padhen
  • सातावियन राकाटी:- surah tabbat yada padhen
  • आठवां रकाति:- surah qul huwallahu ahad padhen
  • नवीन रकात:- surah qul aooju birababil phalak padhe
  • दासवी रकाटी:- surah qul ooju birab bin naas padhen

ये दस रकात हो गए फिर इस तरह अगले दस रकातें ही ये सूरतों के साथ पूरी कर लें।  बस आपको 2 रकात की नियत बंध लेने है और फिर रोजना की नमाज की तरह नमाज पढ़ने है 20 रकात के लिए।


Ghar Par Taraweeh Ki Niyat Kaise Kare ?

घर की नमाज हो या मस्जिद की नियत तो जरूरी है भले ही तय बोलाकर की जाए या मन में है पता हो, तू इस तरह करे तरावीह की नमाज की नियत है।

तरावीह की नमाज की नियत: – “नियात की मैंने 2 रकात सुन्नत तरावीह वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा कबा शरीफ की तरह अल्लाहु अकबर”।

तरावीह की नमाज पढ़ने के लिए सबसे पहले किबाला रूह खड़े हो गए फिर तय करे जो ऊपर बताया गया है जिसमे पहले आप सना पढ़ने यानि सुभानाका अल्लाहम्मा वबी हमदिका।  फिर दूसरा तौज पढें यानि के औज बिल्लाहे मिन्नास सैतानिरराजिम और बिस्मिल्लाह हिर्रामा निरहीम पढें।  इसे बाद आप अल्हम्दो लिल्लाह फिर कोई भी क़ुरान की सूरह पढ़े।


Kya Fayda hai Taraweeh Namaz ki ?

रमज़ान के पाक महिन में तरावीह के आशीर्वाद और पुरस्कारों का उल्लख हदीस में किया गया है, अल्लाह के रसूल के रूप में, पाक इस्तेमाल आशीर्वाद दे और शांति प्रदान करे, कहा:

” जो कोई इनाम के इरादे से रमज़ान में (रात की नमाज़) ईमान के साथ खड़ा होगा, उसके पिछले सभी पापोन को माफ़ कर दिया जाएगा। ”

” जो कोई (इस महीने) में (वैकल्पिक) अच्छे कर्मों में से कोई भी (वैकल्पिक) अच्छे कर्म कारक अल्लाह के करीब पांच जाता है, वही इनाम मिलेगा जो किसी भी समय अनिवारी है और जो कोई है)  में करता है। ”  क्या है याह।  किसी समय सत्तार कार्तव्य करने का फल मिलाता है।

आध्यात्मिक पुरस्कारों का अलावा, तारावीह का पाठ करने से के शाररिक लाभ भी होता है, जैसे :-

  • बेहतर शाररिक और भावनात्मक स्वास्थ्य: सजदा और रुकु के दौरन हलकी हलाचल शाररिक और भावनात्मक स्वस्थ में सुधार के साथ-साथ-साथ-साथ में सुधार के जीवन को भी बढ़ता है।  यह भी देखा गया है की जो लोग पूरे दिन ऊपर करते हैं और फिर तरावीह की नमाज अदा करते हैं, वे रात में मजबूर करते हैं।
  • बुज़ुर्गों में बेहतर मनसापे शियों की ताकत: बढ़ती उमर के साथ, बुज़ुर्गों में शारीरिक गतिविध कम हो जाते हैं जो अक्सर की चिकित्सा व्यवस्था का करन बनाते हैं।  तरावीह की नमाज के दौर लगातर चलें से मनसपेशियां मजबूर होते हैं, जोदों का लचीलापन बेहतर होता है और थक जाता भी कम होता है।  या खनिज समग्र को बहाल करने में भी मदद करता है और जोदों के झूठ स्नेहक के रूप में करता है।
  • बेहतर मानसिक स्वास्थ्य: व्यायाम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बाल्की मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।  ये जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है क्यों की यह व्यवहार और विचार प्रकृति को सकारातमक रूप से प्रभाव करता है।  कोमल ऊपर और नीचे की गतिविधियां न केवल शारीरिक व्यायाम का साधन हैं, बालक मन और आत्मा को शांत करने का एक साधन भी है।

Conclusion :-

उम्मीद करता हुँ , आप लोगो को Taraweeh Ki Namaz समझ आ गयी होगी , अगर आपको कोई सवाल या कोई सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में हम से पूछ सकते है।


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