ज़कात कैसे निकले हिंदी में ? – Zakat Kaise Nikale

Zakat Kaise Nikale :- आज के इस टॉपिक में हम ज़कात कैसे निकले ? या फिर Zakat Nikale Ka Tarika के बारे में जानने वाले है।

जकात क्या है ? OR Zakat Kaise Nikale

अल्लाह के लिए माल का एक हिस्सा जो शरीअत ने अपने मुसलमान फकीर (जरूरतमंद) को मालिक बनाया है । शरीयत में इस तरह ज़कात बयान किया है।


ज़कात किसको दिया जाए ?

ज़कात निकालने के बाद सबसे बड़ा जो मसला आता है वो है कि ज़कात किसको दिया जाए? ज़कात देते समय इस बात का ख्याल रखें कि ज़कात उसे ही मिलें।

अल्लाह ने कुरान में इसके लिए कुछ पैमाने और औहदे तय किए है कि कौन सा होश से आपको अपनी ज़कात मिलती है। इसके अलावा और जगहें भी बताती हैं कि आप जकात के पैसे का इस्तेमाल कहां कर सकते हैं।

  1. फ़कीर

फकीर कौन है? – फकीर वो शख्स है जिसकी आमदनी 10,000/- रुपये रुपये है और उसका खर्च 21,000/- रुपये बरस रहा है यानी वो व्यक्ति जिसकी आमदनी आपके कुल खर्च से पहले से भी कम है तो इस व्यक्ति की आप की कमाई 11,000/- रुपये रुपये से मदद कर सकती है सकता है।

  • मिस्किन

“मिस्किन” कौन है? मिस्कीन वो शख्स है जो फकीर से थोडा अमीर है। ये शख्स है मानो जिसकी आमदनी 10,000/- रुपये ब्लूप्रिंट है और उसका खर्च 15,000/- रुपये है, यानी वो शख्स जिसकी कमाई आपके कुल खर्च से पहले से ज्यादा है तो आप इस शख्स की आप ज़कात के 5,000/- रुपये से उसकी मदद कर सकते हैं सकता है।

  • तारिके कल्ब

“तारिके कल्ब” कौन है? “तारिके कल्ब” उन लोगों को कहते हैं जो ज़कात की वुली करते हैं और उसे देते हैं। ये लोग आम तौर पर उन देशों में होते हैं जहां इस्लामिक हुकुमत या कानून लागु होता है। हिन्दुस्तान में भी ऐसे तारिके कल्ब है जो मदरसों और स्कुलों वगैरह के लिए ज़कात जुड़ाव करते हैं। इन लोगो का तंख्खाह जकात के लिए काफी पैसे से जा सकता है।

  • गर्दन को छुडाने में

पहले के सोने में दास और बंदिया को रखा गया था जो बहुत बड़ा पड़ाव था। अल्लाह की नज़र में हर इंसान का दर्ज़ा बराबर है, क्योंकि मुस्लिम को हुक्म दिया गया कि वह अपनी ज़कात का इस्तेमाल करे, गुलामों से छुड़ाने में करो। उन्हें खरीद और उनके मुक्त कर दों। आज के दौर में नौकर तो नहीं होते लेकिन आप लोग भी अब इस काम को अंजाम दे सकते हैं।

अगर कोई मुसलमान पर किसी ऐसे इंसान का कर्ज़ है जो जिस्मानी और दिमागी तौर पर काफ़ी परेशान करता है, या जेलों में जो बेकसूर और नौसिखिए मुसलमान बाज़ शेरपसंदों के फित्नो के सबब भरे हुए हैं आप ऐसे मुसलमानों की भी ज़कात के पैसे से मदद कर सकते हैं है और उनकी गर्दन को देखकर जुल्मो से छूडा हो सकता है।

  • कर्ज़दारों

आप अपनी ज़कात का इस्तेमाल मुस्लिम के कर्ज़ में भी कर सकते हैं। जैसे कोई मुस्लिम कर्ज़दार है वो कर्ज़ को चुकाने की हालत में नहीं है तो आप उसका कर्ज़ चुकाने के लिए ज़कात का पैसा दे सकते हैं और अगर आपको लगता है कि ये इंसान आपसे पैसा लेने के बाद अपना कर्ज़ चुकाएगा नहीं बल्कि उस पैसे को अपने ऊपर इस्तेमाल कर दावा तो आप उस इंसान के पास जायें जिससे उसने कर्ज़ लिया है और खुद अपने हाथ से कर्ज़ की रकम की स्वीकृति दी।

  • अल्लाह की राह में

“अल्लाह की राह” का नाम ही लोग उसे “जिहाद” से जोड मानते हैं। यहां अल्लाह की राह से मुराद (मतलब) जीते जिहाद से नहीं है। अल्लाह की राह में “जिहाद” के अलावा भी बहुत सी चीज़ें हैं जैसे: बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहाँ के मुस्लिम शिर्क और बिदआत में मसरूफ़ है और कुरआन, हदीस के इल्म से दूर है तो ऐसी जगह आप अपनी ज़कात का इस्तेमाल कर सकते हैं है।

अगर आप किसी ऐसे बच्चे को जानते हैं जो पढ़ना चाहता है लेकिन पैसे की कमी की वजह से नहीं पढ़ सकता है, और आपको लगता है कि ये बच्चा सो साइटी और मुआशरे के लिए फ़ायदेमंदर साबित होगा तो आप उस बच्चे की पढ़ाई और परवरिश ज़कात के पैसे से कर सकता है।

  • मुसाफ़िर की मदद

मान लीजिए आपके पास काफ़ी पैसा है और आप कहीं सफ़र पर चले जाते हैं, लेकिन अपने शहर से निकलने के बाद आपकी जेब कट जाती है और आपके पास इतना पैसा भी नहीं है, हो सकता है कि आप अपने घर वापसी के लिए तैयार हों तो एक मुस्लिम का फ़र्ज़ बनाना है की वो आपकी मदद आपकी जकात के पैसे से करे और आपके घर तक आने का किराया वगैरह दे।

ये सभी वो जाइज़ कैसे है जिस तरह से आप अपनी ज़कात का इस्तेमाल कर सकते हैं। अल्लाह आप सभी को अपनी कमाई से जकात निकालकर उसे पाक करने की तौफीक दें ! और अल्ला आला हम दीदी को कुरान और हदीस को पढ़ते हैं, सुनते हैं, उसे समझते हैं और उस पर तौफीक करते हैं।


निष्कर्ष :-

ऊपर हमने ज़कात क्या है ? और Zakat Kaise Nikale ( ज़कात कैसे निकले ? ) के बारे में जाना , उम्मीद करते है, कि आप को हमारा यह लेख पसंद आया होगा।


FAQ’S :

Q1. पैसे पर जकात निकालने का तरीका ? – Zakat Kaise Nikale

Ans :- एक बार जब आपके पास निसाब तक पहुंचने वाली बचत हो जाती है तो ज़कात सभी लागू संपत्तियों पर 2.5% 
की दर से देय होती है जिसमें सोना, चांदी, नकद, शेयर और संपत्तियों से आय ( लेकिन आपका मुख्य निवास नहीं ) 
शामिल है। एक बार जब आप यह तय कर लें कि आप पर कितनी जकात बकाया है, तो इस राशि को दान में दे दें।

Q2. मुझे अपनी जकात किसको देनी चाहिए ?

Ans :- जकात प्राप्त करने के योग्य होने के लिए, प्राप्तकर्ता गरीब और/या जरूरतमंद होना चाहिए । एक गरीब 
व्यक्ति वह होता है जिसकी संपत्ति, उसकी मूलभूत आवश्यकताओं से अधिक, निसाब सीमा तक नहीं पहुंचती है। 
प्राप्तकर्ता आपके तत्काल परिवार से संबंधित नहीं होना चाहिए; आपके जीवनसाथी, बच्चे, माता-पिता और 
दादा-दादी आपकी जकात नहीं ले सकते।

Q3. जकात देने के लिए कितने पैसे चाहिए ?

Ans :- जकात पर 2.5% की दर से शुल्क लिया जाता है। इसका मतलब है कि आपको अपने धन का 2.5% दान करना 
चाहिए जो कि निसाब मूल्य से अधिक है । यदि आपको यह पता लगाने में कठिनाई हो रही है कि आपको कितनी जकात 
देनी है, तो हमारे जकात कैलकुलेटर का उपयोग करें। यदि आप निसाब मूल्य से अधिक नहीं हैं, तो आपको भुगतान करने 
की आवश्यकता नहीं है।

Q4. जकात कैसे निकलती है ?

Ans :- इस्लाम में फकीर, मिस्कीन, मुसाफिर को जकात दी जा सकती है. अगर कोई फकीर या मिस्कीन नहीं मिले 
तो मदरसे में भी जकात की राशि दी जाती है. रमजान के एक अशरा पूरा होने के बाद अब रोजेदार फकीरों और 
मिस्कीन को जकात, खैरात के रूप में कपड़े, पैसे सहित कई दूसरे सामान देकर अपना फर्ज़ पूरा करते हैं।

Q5. जकात शब्द का मूल अर्थ क्या है ?

Ans :- जकात का हिंदी अर्थ इस्लाम में विहित आय का वह चालीसवाँ भाग जो दान-धर्म में देना आवश्यक कहा 
गया है, दान, खैरात।

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