Dua E Qunoot In Hindi :- क्या आप जानते हैं, कि दुआ ए क़ुनूत क्या है ? दुआए क़ुनूत की तर्जुमा क्या है और इस दुआ को क्यों पढ़ा जाता है, इसके पढ़ने के क्या फ़ायदे हैं ?
अगर आप को भी दुआ ए कुनूट हिंदी अंग्रेजी में सीखना है, इसके साथ इसके फायदे प्रयोगमाना सीख रहे हैं, तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं तो समझिए।
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दुआ ए क़ुनूत क्या है ? – Dua E Qunoot Kya Hai
दुआ ए कुनूत भी दुआ जैसे इस्लाम में बाकि और दुआ है, लेकिन इस दुआ की बहुत ज्यादा फजीलत है, जो आपको निचे बताया गया है।
कोई भी दुआ को अरबी में पढ़ना चाहिए, जब आपको अरबी में पढ़ना नहीं आता या अरबी में याद नहीं आता तो आप हिंदी, अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं।
दुआ कुनूत हिंदी में – Dua E Qunoot In Hindi
अल्लाहुम-म इन्ना नस्तईनु-क व नस्तग्फिरु-क व नुउ मिनु बि-क व न-त-वक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खै-र व नश्कुरू-क व ला नक्फुरू-क व नख्लउ व नतरूकु मंय्यफजुरू-क. अल्लाहुम-म इय्या-क नअबुदु व ल-क नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नसआ व नहि्फदु व नर्जू रहम-त-क व नख्शा अजा-ब-क इन-न आजा-ब-क बिल कुफ्फारि मुलहिक.
दुआ ए क़ुनूत अरबी में – Dua E Qunoot In Arabic
اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ
दुआ कुनूत इंग्लिश में- Dua E Qunoot In English
Allah Humma Inna Nasta-Eenoka Wa Nastaghfiruka Wa Nu’minu Bika Wa Natawakkalu Alaika Wa Nusni Alaikal Khair, Wa Nashkuruka Wala Nakfuruka Wa Nakhla-Oo Wa Natruku Mai Yafjuruka, Allah Humma Iyyaka Na’budu Wa Laka Nusalli Wa Nasjud; Wa Ilaika Nas Aaa Wa Nahfizu Wa Narju Rahma Taka Wa Nakhshaa Azaabaka; Inna Azaabaka Bil Kuffari Mulhik.
ध्यान देने योग्य
जब भी आप अगर हिंदी में कोई दुआ पढ़ते हैं तो आपको इसका सही से उच्चारण करना चाहिए ताकि यह सही से हो जिसका मतलब हो वो निकल कर आए क्यूंकी बार-बार हिंदी और अरबी में थोड़ा सा लेटर और रीडिंग में बदलाव आ सकता है।
दुआ ए क़ुनूत कब पढ़ी जाती है ?
दुआ ए क़ुनूत को आप कभी भी पढ़ सकते हैं, लेकिन इस दुआ को ईशा की वित्र नमाज़ में पढ़ा जाता है। वित्र की तीसरी रकात में अलहम्दो लिल्लाह पढ़ने के बाद पढ़ा जाता है, लेकिन अगर यह दुआ याद नहीं है, तो कोई बात नहीं निचे मैंने बताया हूँ, दूसरी दुआ भी पढ़ी है।
दुआ ए कुनूत तर्जुमा हिंदी में
ऊपर हमने Dua E Qunoot In Hindi के बारे में जाना, अब हम दुआ ए कुनूत तर्जुमा हिंदी में के बारे में जानते है।
आप दुआए क़ुनूत पढ़ते हैं, तो आपको इसकी आदत का अर्थ भी समझ में आना चाहिए इसलिए आपको जानकारी की इस दुआ की फ़ज़ीलत बरकत क्या है खासुमा: ऐ अल्लाह, हम आपसे मदद चाहते हैं ! और तूझ से जोकते हैं, आप पर ईमान रखते हैं और आप पर भरोसा करते हैं ! और आपकी बहुत अच्छी कामना करते हैं और शुक्र करते हैं और तेरी नाशुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और विशेषताएँ हैं, इस व्यक्ति को जो तेरी नाफरमानी करता हैं।
ऐ अल्लाह, हम तेरी इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सज़ादा करते हैं और तेरी तरफ़ दौड़ते और झपटते हैं और तेरी तरफ़ दौड़ते और झपटते हैं और तेरे आजाब से ज़ाहिर होते हैं, बेशक तेरा आजाब का फिरों को पहुँचे हैं।
दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फ़ायदे
इस दुआ में अल्लाह का फ़ज़ल पाने के लिए लिखे गए हैं, जिन्हें पढ़कर खुद का सावाब मिल सकता है। पैगम्बर मोहम्मद (saw) भी इस दुआ को पढ़ाते थे, इसी से इस दुआ की अहमियत का अंदाज़ लगाया जा सकता है, इसलिए दुआ ए क़ुनूत को पढ़ें रहना चाहिए।
दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से घर में बरक्कत आती है। लोगों का मानना है कि यह दुआ पढ़कर उनके घर में बरक्कत हुई है, इसलिए यदि आप भी घर में बरक्कत लाना चाहते हैं, तो पढ़िए दुआ एक कुनूत।
दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। और बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो बाद में लौटने का नाम ही नहीं लेतीं, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (दुआ ए कुनुत) जरूर पढ़नी चाहिए।
दुआ ए कुनूत हिंदी में को ईशा के समय वित्र की नमाज के साथ पढ़ने से खुदा पढ़ने वाले को बुरी चीजों और बुरे लोगों से दूर रखता है।
यह दुआ पढ़ने से काम या पढ़ाई में बरक्कत होती है। किताबों में लिखा है, और बहुत से लोगों का कहना है, दुआ ए क़ुनूत पढ़ने से उनके काम/पढ़ाई में दर्जी हैं। इसलिए यदि आप भी अपने काम या पढ़ाई में जॉब पाना चाहते हैं तो यह दुआ अवश्य पढ़ें।
FAQ’S :-
Q1. दुआ कुनूत कैसे समझते हैं ?
उत्तर :- वित्र की नमाज में दुआ ए कुनूत का पढ़ना वाजिब है। ईशा के नमाज़ मे जब हम नामज़ वितीर अहमियत रखते हैं। तो वित्र की तीसरी रकात में जब सूरह फातिहा और उसके साथ कोई सूरह पढ़ने का निर्णय लेने के बाद रुकू में जाने से पहले दोनों हाथों को पहुंचने तक हाथ उठा कर तकबीर यानी (अल्लाहु-अकबर) कहते हुए फिर से हाथ कर दुआए क़बूल पढ़ी जाती है।
Q2. दुआ कुनूत कब पढ़ी जाती है ?
उत्तर :- ईशा के रकात में वित्र वाज़िब नमाज़ ज़रूरी है तब दुआए क़ुनूत पढ़ी जाती है। तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ़ा हुआ लेते हैं तब रुकू में जाने से पहले फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए फिर से हाथ पकड़ कर दुआए क़ुनूत (दुआ ए क़ुनूत) पढ़ते हैं।
Q3. दुआ कुनूत की जगह मैं क्या पढ़ सकता हूं ?
उत्तर :- जो क़ुनूत को कंठस्थ न करे उसे बिना आलस और विस्मृति के इसे याद कर लेना चाहिए। और जब तक वह याद न हो जाए, तब तक कुनूत के स्थान पर उसे रबना अत्ना फाई अलदिनिया हसनी वफी अल अघरी हस्नी वखना उस्हाब अलनार या कम से कम तीन बार अल्लाह तन्हा पढ़ना चाहिए ।
Q4. कुनूत में आप क्या मायने रखते हैं ?
उत्तर :- "हे अल्लाह मुझे उन लोगों में मार्गदर्शन दें जिन्होंने आपने निर्देशित किया है, मुझे उन लोगों के बीच क्षमा करें जिन्हें आपने क्षमा किया है, जिनके साथ मित्रता आपने की है, जो आपने दिए हैं, ऐसे मुझे आशीर्वाद दें, और मुझे बुराई उस से आप जो आपने तय की है।
Q5. दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के क्या फ़ायदे हैं ?
उत्तर :- दुआ कुनूट के माध्यम से हम सभी आवास से प्रार्थना कर सकते हैं कि परीक्षण के समय में होना चाहिए। जब हम मुश्किल समय में होते हैं तो अल्लाह के सामने सरेंडर कर देते हैं, इंशाअल्लाह हम इससे निकल जाएंगे। अल्लाह इसके लिए हमारी मदद करेगा क्योंकि अल्लाह के सिवा कोई भी उपलब्ध नहीं है।
Conclusion :- तो दोस्तों , हम उम्मीद करते है, कि आपको आज का हमारा यह आर्टिकल Dua E Qunoot In Hindi पसंद आया होगा। अगर पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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