Surah Fatiha in Hindi :- आज हम आपके लिए सूरह फातिहा का Hindi , अंग्रेजी और अरबी में तर्जुमे ( अनुवाद ) के साथ लाये हैं और साथ ही सूरह फातिहा के फायदे भी लाये हैं।
सूरह अलहम्दो सरफराज को हमने तीन भासाओ में अनुवाद के साथ लिखा है, आपको जिस भाषा में भी आसानी से वह पढ़ने को मिल सकता है।
Surah Fatiha in Hindi/अरबी/इंग्लिश में पढ़ें
सुरह फातिहा का रूख जानने से पहले आपको यह सुरह याद कर लेना चाहिए। मुझे आसान नहीं है, की आपको किस भाषा में ये सुरह अच्छी तरह से समझ में आएगा।
इसीलिए निचे तीन भाषा में अलहम्दो सरफराज दिया गया है। आपको यह सुरह याद है तो एक बार फिर से पढ़कर पढ़िए सवाब बे-इन्तेहा है जो निचे बताया गया है, सबसे पहले ये पढ़े।
Table of Contents
सूरह फातिहा अरबी में – Surah Fatiha in Arabic
بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ
ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
مَـٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ
सूरह फातिहा हिंदी में – Surah Fatiha in Hindi
- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलामीन.
- अर रहमा निर रहीम.
- मालिकि यौमिद्दीन.
- इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन.
- इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम.
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम.
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन. आमीन !
Surah Fatiha in English
- Alhamdulliahi Rabbil Aalameen
- Arrahmanir Raheem
- Maliki Yaumiddeen
- Iyyaka Nabudu Waiyyakanastain
- Ihdinassiratal Mustaqeem
- Siratallazina Anamta Alaihim
- Gairil Magdubi Aalaihim Waladdwaleen ( Ameen )
सुरह फातिहा को और किस नाम से जाना जाता है ?
इस सुरह को सिर्फ सुरह फातिहा के नाम से तो जाना जाता है, इसके अलावा बहुत और भी नामो से जाना जाता है, जो बहुत से लोगो को मालूम नहीं होगा।
चलिए जानते है और कितने नामो से जाना जाता है, तो निचे दिया गया है फा़तिहा, फा़तिहतुल किताब, उम्मुल कु़रआन, सूरतुल कन्ज़, काफि़या, वाफ़िया, शाफ़िया, शिफ़ा, सबए मसानी, नूर, रुकै़या, सूरतुल हम्द, सूरतुल दुआ़ तअलीमुल मसअला, सूरतुल मनाजात सूरतुल तफ़वीद, सूरतुल सवाल, उम्मुल किताब, फा़तिहतुल क़ुरआन, सूरतुस सलात।
सूरह फ़ातिहा पढ़ने के फ़ायदे
ऊपर हमने Surah Fatiha in Hindi के बारे में जाना, अब हम सूरह फ़ातिहा पढ़ने के फ़ायदे के बारे में जानते है।
मोहम्मद सल्ललाहो अलैह वसल्लम ने एक बार जाबिर बिन अब्दुल्ला अंसारी से पूछा, “क्या मुझे आपको एक सूरह सिखाना चाहिए कि किसमें संपूर्ण कुरान में कोई अन्य समानता नहीं है?” जाबिर ने जबाब दिया, “हां, और अल्लाह के प्यारे नबी (सल्ललाहो अलैह वसल्लम) ने उन्हें सूरह अल-फातिहा सिखाया। फिर अल्लाह के प्यारे नबी ने पूछा, “जाबिर, क्या मैं तुम्हें इस सूरह के बारे में कुछ बताऊं?”अल्लाह के प्यारे नबी ने कहा, “यह ( सूरह अल-फातिहा ) मरने को छोड़ हर बीमारी का इलाज है।”
सूरह फातिहा की फजिलत के फयदे
बीमारी से शिफा – सूरह फातिहा की ऐसी रहमत और बरकत वाली सूरा है जिसे पढ़कर अपने जिस्म पेट कम करने से तमाम बीमारियां दूर हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप किसी ऐसी मर्ज़ में मुबततला हैं जिससे आपको शिफा नहीं मिल रही है; तो आप सूरह फातिहा का अधिक से अधिक विर्द करें।
जहर का असर खत्म करने के लिए – एक हदीस सरफराज में आया है; कि सुरह फातिह को दम करके जहर का असर खत्म हो जाता है।
दौलत में बरकत होती है – सूरा फातिहा की फजीलत में सबसे बड़ी फजीलों में से एक यह है; कि जो शख्स अपने मालिक और दौलत में बरकत चाहता है, तो वह सुरह फातिहा पढ़ें।
सूरह फातिहा तफसीर
इस सूरे फ़ातिहा में अल्ला तआला की ज़िंदगी, उसकी बड़ी, उसकी रहमत, उसका मालिक होना, उसे इबादत, अच्छाई, हिदायत, हर तरह की मदद तलब करना, दुआ का तरीका, अच्छे लोगों की तरह रहना और बुरे लोगों से दूर रहना, दुनिया की ज़िंदगी की ख़ातिमा, अच्छी और बुराई के होश के दिन का स्पष्ट बयान है।
Conclusion ( Surah Fatiha in Hindi ) : –
हर काम की शुरुआत में बिस्मिल्लाह की तरह अल्लाह की बड़ाई का बयान भी जरूरी है। कभी-कभी अल्ला की अपेक्षा और उसकी बड़ी शर्तें अनिवार्य या वाजिब होती हैं। जैसे जुमे के ख़ुत्बे में, कभी-कभी मुस्तहब यानी अच्छा होता है ! जैसे निकाह के ख़ुत्बे में या दुआ में या किसी अहम काम में और हर खाने के बाद! कभी-कभी सुन्नते मुअक्कदा (यानी नबी का वह तरीका जिसे गोद लेने की ताकीद आई हो।) जैसे छींक आने के बाद ।
“रब्बिल आलमीन” (मतलब मालकि सभी जहां वालों का) में इस बात की ओर इशारा है कि संपूर्ण कायनात या संपूर्ण सृष्टि (यानी की जमीं आकाश चांद पानी हवा हर शै पुरे ब्रह्मंड की) अल्ला की रचना हुई है! या इसमें जो कुछ है वह सब अल्लाह ही का मोहताज {निर्भर} है। और अल्ला ताला हमेशा से है ! ओर हमेशा के लिए है ! ज़िंदगी और मौत के लिए जो हम कई तरह से रखते हैं।अल्लाह वो सबसे पाक है, वो क़ुदरत वाला है।
”रब्बिल आलमीन” के दो शब्द (दो शब्द) में अल्लाह से तअल्लुक़ रखने वाली हमारी जानकारी की पूरी मन्ज़िलें तय हो गईं। “मालिके यौमिद्धिन” (मतलब इंसाफ वाले दिन का मालिक ) में यह बताया गया। कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लिए नहीं है। क्योंकि उसका सब मिल में है और जो ममलुक अर्थात दूध में होता है, उसकी पूजा नहीं की जा सकती। इसी से आसान हुआ कि विश्व कर्म की धरती है और इसके लिए एक अनंत यानी अंत है। दुनिया का अंत होने के बाद (मतलब क़यामत या प्रलय के बाद) एक दिन जज़ा यानी बारी या होश का है।
इससे पुनर्जीवन का सिद्धांत या नजरिया गलत साबित हुआ। “इय्याका नबुदु” ( मतलब की हम तेरी इबादत करे या हम तेरी को पूजें ) अल्लाह की जात और उनके बरीकियों के बयान के बाद यह फरमाना इशारा करता है। कि आदमी का अक्कीदा (निश्चित) उसका कर्म से उपर है। और इबादत या पूजा पाठ का कुबूल किया गया अक्कीदे की अच्छी पर है।
FAQ’S :
Q1. सूरह फातिहा कैसे पढ़े ?
उत्तर :- Surah Fatiha या कोई भी कुरान शरीफ की सुरह पढ़ने का एक ही तरीका होता है, आपको सबसे पहले बावजु या पाक व साफ़ रहना है उसके बाद आप पढ़े।
Q2. सूरह फातिहा में कितने अक्षर होते हैं?
उत्तर :- क्या आप जानना चाहते है, की कुरान शरीफ की पहला सुरह यानि सुरह फातिहा में कितने अक्षर होते है, तो आपको जानकारी के लिए बता दे की सुरह फातिहा में 140 अक्षर होते है।
Q3. सूरह फातिहा कब पढ़ना चाहिए ?
उत्तर :- हम मुस्लमान तो सबसे पहले 5 वक़्त की नमाजो में हर रकात में पढ़ते है, उसके अलावा किसी इन्सान को मुसीबत और परेशानी के वक़्त में, और इसके साथ सुरह फातिहा पढ़ कर अल्लाह ताला के शुक्र अदा करना।
Q4. सूरह फातिहा हिंदी में लिखा हुआ ?
उत्तर :- सब तारीफ उस अल्लाह के लिए है जो सारे जहाँ का मालिक है।, बहुत मेहरबान निहायत रहम वाला है।, इंसाफ (बदले) के दिन का मालिक है।, आए अल्लाह हम तेरी ही इबादत करते है और तुझी से मदद चाहते है।, हमें सीधा रास्ता दिखा।, उन लोगो का रास्ता जिन पर तूने फजल किया।, उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नाजिल हुआ और न उन लोगो का रास्ता जो रस्ते से भटक गए।
Q5. सूरह फातिहा में क्या है ?
उत्तर :- इसमे अल्लाह तआला की तारीफ़ हैं, उनकी बड़ाई, उनकी रहमत, उनका मालिक होना, उनसे इबादत, हर तरह की मदद तलब करना, दुआ मांगने का तरीक़ा, अच्छे लोगों की तरह रहने और बुरे लोगों से दूर रहने, दुनिया की ज़िन्दगी का ख़ातिमा, और अच्छाई और बुराई के हिसाब के दिन का साफ़ साफ़ बयान है।
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