Tahajjud ki namaz ki niyat, Tarika , waqt, Rakt – तहज्जुद की नमाज, नियत, तरीका

Tahajjud ki namaz ki niyat :- अस्लामलैकुम मेरे प्यारे दोस्तों और बहनों आज हम बात करने वाले हैं, तहज्जुद की नमाज के बारे अगर आप एक मुस्लमान भाई या बहन हो तो इस नमाज का नाम तो सुना ही होगा।

आज के इस पोस्ट में हम आपकी यही बताने वाले हैं, कि तहज्जुद की नमाज क्या है ? इस नमाज में कितनी रकत होती है? कैसे पढ़ा जाता है, पूरी जानकारी देने वाले हैं, तो हमारे इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप  को  पूरी जानकारी समझ मे आ सके।


तहज्जुद की नमाज क्या है ? – Tahajjud Ki Namaz Kya Hai

तहज्जुद की नमाज को इंग्लिश में Night Prayer और अरबी में Qiyam-u-lail” के नाम से जाना जाता है । तहज्जुद की नमाज एक नफिल नमाज होती है जिसे आप ईशा की नमाज़ के बाद से लेकर फज़र की नमाज खत्म होने से पहले तक पढ़ सकते हैं ।

Tahajjud शब्द Hujud से बना है जिसका अर्थ कुरान के साथ जागना होता है। इस नमाज की अपनी ही एक अलग फ़ज़ीलत है ये और नमाज से अलग है।

इस नमाज को हमारे नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम रोज़ आधी रात को पढ़ा करते थे । हमारे हदीस में  ये  किया गया है कि जितने भी नफिल इबादत है उसमें से सबसे अव्वल और अफज़ल तहज्जुद की नमाज को माना गया है जिसे आधी रात में पढ़ा जाता है।


तहज्जुद नमाज का समय– Tahajjud ki Namaz ka waqt kya hai

दोस्तों जैसा का आप जानते हैं, कि हमारे इस्लाम मे पांच वक़्त की नमाज मुकमल है और घर नमाज का समय भी मुकमल है ।

हमारे इस्माल में जो panch वक़्त की नमाज है उसमें नफिल भी एक नमाज जिसे फ़र्ज़, सुन्नत के बाद पढ़ा जाता है इसे नहीं पढ़ने से गुनाह तो नहीं होता है लेकिन सवाब भी नहीं मिलता है जो पढ़ता है उसे ही सवाब मिलता है

उसी तरह तहज्जुद के नमाज का समय  ईशा की नमाज़ से लेकर फ़ज़र की नमाज तक होता है उस बीच आप किसी वक़्त में भी इस नमाज को पढ़ सकते हैं ।

इस नमाज की अफज़ल वक़्त की बात करें तो रात्री 11 बजे से लेकर 2 बजे तक अफ़ज़ल माना जाता है इस वक़्त इस नमाज को पढ़ने से आप  की जो इच्छा होती है उसे आप खुदा से मांग सकते हैं अल्लाहः ताला आपको उस चीज को पाने में मद्दत करता है ।


तहज्जुद की नमाज  कितनी रकत होती है – Tahajjud ki Namaz ki Rakat

तहज्जुद की नमाज रकत की बात करें तो इसमे आ काम से कम 2 रकत और अधिक से अधिक 12 रकत तक पढ़ सकते हैं ।

ज्यादा तर लोग 2 रकत ही पढ़ते हैं कुछ लोग होते हैं जो 12 रकत पढ़ते हैं  । रकत से पहले आपको कुछ बेहद जरूर चीज ये जानना चाहिए कि हमारे नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम कितनी रकत तहज्जुद की नमाज पढ़ा करते थे ?

तो हमारे नबी सल्लाहूअलैहे वसल्लम कम से कम 8 रकत तहज्जुद की नमाज पढ़ा करते थे कभी कभी वो 12 रकत भी पढ़ लिया करते थे ।

आप अपने हिसाब से पढ़ सकते हैं हां अगर आपके पास समय हो तो आप कोशिश करे कि कम से कम 8 रकत तो पढ़े अगर 12 रकत पढ़ सकते हैं तो और अफ़ज़ल की बात है।


Tahajjud ki Namaz ki Niyat

अगर हम इस नमाज की नीयत की बात करे तो जैसे आप पांच वक़्त की नमाज की नीयत करते और बांधते है बिल्कुल आप को वैसे ही नियत बांधनी है ।

नियत आप दिल से कर सकते हैं कि मैं 2 रकत तहज्जुद की नमाज पढ़ने जा रहा हूँ। अगर आप बोल कर नियत करना चाहते हैं तो आप ये बोल सकते हैं ,

“नियत की मैंने 2 रकात नमाज नफल तहज्जुद की वास्ते अल्लाह-त-आला के रुख मेरा काबा शरीफ की अल्लाहु अकबर”

फिर जैसे आप नमाज में अपने दोनों हाथ को उठाकर बांधते हैं वैसे ही बांध लें।


Tahajjud ki Namaz Padhne ka Tarika

तहज्जुद की नमाज पढ़ने के तरीक़े के बारे में बात करें तो इस नमाज को पढ़ने का कोई अलग तरीका नहीं है जैसे हम पांच वक़्त की नमाज पढ़ते हैं बिल्कुल उसी तरह से ये भी नमाज पढ़ा जाता है ।

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि आप उस नमाज को  ईशा के बाद फ़ज़र तक के बीच अपने हिसाब से किसी भी समय पढ़ सकते हैं ।

नीचे हमने आपको इसका स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस बताता है की कैसे इस नमाज को पढ़ना है तो ध्यान से इस स्टेप को पढ़े


तहज्जुद की पहली रकात की नमाज

  • पहले नियत करें
  •  
  • फिर सना पढ़े

सना:-सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका

  • आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े ।

  • उसके बाद सूरह फातिया पढ़े

सूरह फातिया :- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन

अर रहमा निर रहीम मालिकि यौमिद्दीन

इय्याक अबुदु इय्याका नस्तईन इहदिनस्

सिरातल मुस्तक़ीम सिरातल लज़ीना अन अमता

अलय हिम गैरिल मग़दूबी अलय हिम् लद दाालीन~आमीन

  • फिर उसके बाद जो भी सूरह आप को याद है उस सूरह को पढ़े ।
  • फिर अल्लाहः अकबर कहते हुए रुकू में जाये ।
  • रुकू में जाने के बाद  3 दफा सुबहाना रब्बियल अज़ीम  पढ़े
  • फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये ।
  • उसके तुंरत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाये ।
  • सजदे में जाने के बाद 3 दफा सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े ।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकत के लिए खड़े हो जाये जैसे आप नमाज में खड़े होते हैं।

तहज्जुद की दूसरी रकात की नमाज

  • पहले नियत करें ।
  • सन पढ़े ।
  • सूरह फातिया पढ़े ।
  • कोई भी छोटा या बड़ा सूरत पढ़े जो याद हो ।
  • रुकू में जाए ।
  • फिर सजदे में जाये ।
  • दूसरी रकत की सजदा करने के बाद अपने  पाने पंजे पर बैठ जाये ।
  • फिर अत्तहिय्यत को पढ़े

अत्तहिय्यत:- अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु

अस्सलामुअलैकाअय्युहंनबिय्यु रहमतुल्लाहि बरकातुहू

अस्सलामुअलेना अलाइबदिल्लाहिससालिहीन

अशहदूअंलाइलाहाइल्लल्लाहू अशहदूअन्ना मुहम्मदनअब्दुहु रसूलुहु।

  • फिर दरुदे इब्राहीम पढ़े

दरुदे इब्राहीम :-अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदीन अलाआलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता अला इब्राहीमा अला आली इब्राहीमा, इन्नका हमीदुन मजीद।

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदीन अला आली मुहम्मदीन, कमा बारकता अला इब्राहीमा अला आली इब्राहीमा, इन्नाका हमीदुन मजीद।

  • फिर दुआ ए मशुरा पढ़े ।
  • उसके बाद अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह कहते हुए पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आप की 2 रकत तहज्जुद की नमाज मुकमल होती है। इसके बाद अगर आप को दुआ करनी हो तो दुआ करें नहीं तो अगर और नमाज पढ़नी हो तो उसके लिए खड़े हो जाये ।


तहज्जुद की नमाज़ के फायदे

तहज्जुद की नमाज़ की फायदे और फ़ज़ीलत की बात करें तो सबसे पहले ये की यह एक नफिल नमाज है और ऐसा कोई और नफिल नमाज नहीं है जिसके बारे में कुरान में बार बार जिक्र किया गया हो ।

तहज्जुद की नमाज को सभी नफिल नमाजों में अवल दर्जा दिया गया है। हदीस में हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाते हैं कि हमारे रब  अल्लाह ताला हर रात जब पिछली तिहाई बाकी रहती है तब आसमाने दुनिया पर खास तजल्ली फरमाता है की:

  • है कोई  दुआ करने वाला  ताकि मैं उसकी दुआ कबूल करू है ।
  • है कोई कुछ मांगने वाला ताकि मैं उसकी खोवाइस पूरी करू ।

Tahajjud ki Namaz me konsi Surah Padhna Chahiye

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, कि तहज्जुद की नमाज एक नफिल नमाज है इस आप अपने हिसाब से  सूरह पढ़ सकते हैं ।

लेकिन कोशिश करें कि जब आप तहज्जुद की नमाज पढ़े तो थोड़ी लंबी सूरह पढ़े जैसे सूरह यासीन इस तरह के सूरह

अगर आपको को छोटी सूरह की याद है तो आप वहीं पढ़े इसमे कोई हर्ज की बात नहीं है ।


निष्कर्ष :-

तो दोस्तों आज हमने शिखा की Tahajjud ki namaz ki niyat ( तहज्जुद की नमाज क्या है ? ) तहज्जुद की नमाज कब पढ़ी जाती है ? कैसे पढ़ी जाती है ? कितनी रकत पढ़ी जाती है ?

ये सभी जानकारी अभी आप ने हासिल की है आपको ये आर्टिकल कैसा लगा अपनी राय comment box में जरूर दें।

अगर आपके मन मे इस आर्टिकल Tahajjud ki namaz ki niyat से जुड़े कोई सवाल है, तो जरूर पूछे इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो करना न भूले ।


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